रेवाड़ी | अहीरवाल की राजनीति का केंद्र बिंदु और गुरुग्राम के बाद बड़ा औद्योगिक जिला रेवाड़ी विकास की नई ऊंचाईयों को छू रहा है. जिले को एक के बाद एक बड़ी अधोसंरचना परियोजनाएं मिली हैं जिन पर तेजी से काम चल रहा है. इस साल में पूरे होने वाले इन इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के बाद रेवाड़ी की सूरत बदल जाएगी. गुड़गांव के नक्शे कदम पर चलकर नया रेवाड़ी अब विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ा है. आने वाले समय में शहर की तस्वीर कुछ और होगी.
इस साल आउटर बाइपास होगा बनकर तैयार
शहर के लिए पिछले डेढ़ दशक से चल रही आउटर बायपास की मांग अब मूर्त रूप ले चुकी है. शहर से गुजरने वाले वाहनों के लिए एनएच- 11 का 14.1 किलोमीटर नया आउटर बायपास तैयार किया जा रहा है. बमबाड फतेहपुरी कट से बावल रोड तक इसका हिस्सा पूरा हो चुका है और वाहन भी चल रहे हैं. बाइपास पर चलते ही जिले के विकास की एक नई तस्वीर नजर आती है. 15 साल से जिस बाइपास का इंतजार कर रहे थे, उसकी तस्वीर अब सामने है.
नए शहर की परिकल्पना होगी साकार
इस बाइपास से अब नए शहर की परिकल्पना भी साकार होगी. शहर के गढ़ी बोलनी-कोटकासिम मार्ग पर गगनचुंबी इमारतें बन रही हैं और इस मार्ग पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के नए सेक्टर भी बनेंगे. एक दशक में इस रूट पर नई रेवाड़ी नजर आएगी, जिसकी तस्वीर अभी से जेहन में उभरने लगी है.
बायपास बनने के बाद, न केवल शहर की बड़ी अड़चन दूर होगी बल्कि दिल्ली- जयपुर हाईवे से राजस्थान के शहरों की ओर जाने वाले वाहन चालक अब रेवाड़ी बायपास की तुलना में काफी कम समय में अपने गंतव्य पर पहुंच सकेंगे. दिसंबर तक आउटर बायपास का काम पूरा कर लिया जाएगा.
रैपिड रेल को गति देने की तैयारी
दिल्ली के सराय काले खां से अलवर तक बनने वाले 180 किमी आरआरटीएस कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा रेवाड़ी जिले से होकर गुजरेगा. इसका पहला चरण दिल्ली से शाहजहांपुर- बहरोर- नीम राणा तक प्रस्तावित है. इसके लिए जिले में मिट्टी परीक्षण से संबंधित कार्य किया जा चुका है और अब इस परियोजना के भी जल्द धरातल पर उतरने की संभावना है.
इसके लिए धारूहेड़ा में डिपो तैयार किया जाएगा. जिसके लिए विद्युत निगम की लाइन को शिफ्ट करने का काम चल रहा है. आरआरटीएस कॉरिडोर के पूरा होने के बाद, जिले के पूरे औद्योगिक क्षेत्र में गुड़गांव- दिल्ली से सुपर कनेक्टिविटी होगी. इसके बनने के बाद, रेवाड़ी से दिल्ली का सफर महज एक घंटे में तय हो जाएगा. जिले में आरआरटीएस के लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं और अब केंद्र की मंजूरी के साथ कॉरिडोर तैयार करने का काम शुरू होगा.
आरआरटीएस के साथ गुड़गांव से बावल तक एमआरटीएस कॉरिडोर भी तैयार किया जाना है. इसके लिए भूमि अधिग्रहण से संबंधित सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. बावल औद्योगिक क्षेत्र को गुड़गांव से जोड़ने के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण परियोजना है. दोनों के लिए कसौला में इंटरचेंज प्रस्तावित है.
झज्जर बाईपास का काम अंतिम चरण में
शहर के हुडा बाइपास से बेरली, महेंद्रगढ़ व नारनौल रोड को जोड़ने के लिए 5 किमी झज्जर बाइपास का काम भी अंतिम चरण में है. हरिनगर के पास नारनौल लाइन पर स्लैब डालने का काम होने के बाद अब ओवरब्रिज तैयार किया जा रहा है. इसके बनने के बाद बाहरी बाईपास और झज्जर बाईपास मिलकर शहर के लिए एक नया रिंग रोड बनाएंगे.
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