कैथल | हरियाणा के जिला कैथल स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में स्थित 106 वर्ष पुराना इमली का पेड़ खट्टी- मीठी यादें समेटे हुए है. यहां शिक्षा प्राप्त करने वाले लाखों बच्चों की किलकारियों, कथनी और करनी का भी साक्षी रहा है. प्राचार्य रवींद्र शर्मा ने बताया कि ब्रिटिश शासन के दौरान बने इस स्कूल की स्थापना 1908 में हुई थी.
इस स्कूल में उस काल के भवन की वास्तुकला और निर्माण की कुछ यादें आज भी मौजूद हैं, जिनमें इमली का पेड़ सबसे पुराना है. इस इमली के पेड़ के नीचे बैठकर लाखों बच्चों को भी अपने भविष्य के सपने साकार करने की प्रेरणा मिली. इस स्कूल की बिल्डिंग से सटे हिंद सिनेमा की कई फीट ऊंची दीवार हुआ करती थी, जिसे पार कर छात्र सिनेमाघर में फिल्म देखने जाया करते थे.
पेड़ कई विभागों की बढ़ा रहे हैं शोभा
इन कमरों में बैठकर वह अपने सहपाठियों के साथ मस्ती, शरारत, हंसी- मजाक करते थे. स्कूल में पढ़ने वाले लाखों छात्रों में से हजारों छात्र हरियाणा सरकार और भारत सरकार के विभिन्न विभागों में उच्च पदों पर आसीन हैं- डॉ. प्रद्यून भल्ला, प्रोफेसर
इमली के पेड़ की देखभाल कर रहे माली गंगाराम
डॉ. भल्ला कहते हैं कि उस समय प्रिंसिपल और शिक्षकों का डर बहुत ज्यादा था और साल में एक बार स्कूल का निरीक्षण किया जाता था. इस पेड़ को तत्कालीन प्रधानाध्यापक लाला शिवनारायण के प्रयासों से अंतू राम नामक व्यक्ति ने लगाया था जो अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन जिस तरह से वे इस पेड़ की रखवाली करते थे और इस पेड़ से तोड़े गए इमली खंजर आधे- अधूरे समय में छात्रों को बांटते थे. किसी भी छात्र के दिमाग से उनका चेहरा गायब नहीं हुआ है. आज के समय में इस इमली के पेड़ की देखभाल माली गंगाराम कर रहे हैं.
सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन आएगा तो होगा लागू
कुछ दिन पहले 1982 बैच के कुछ छात्र करीब 41 साल बाद इस इमली के पेड़ के पास जमा हुए और अपनी यादें ताजा कीं. वन विभाग के अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि सरकार ने 75 साल पुराने पेड़ों की सुरक्षा के लिए पेंशन देने की अधिसूचना जारी नहीं की है इसलिए जिले में पुराने पेड़ों के रखरखाव के लिए कोई पेंशन नहीं दी जा रही है. सरकार की ओर से अगर कोई नोटिफिकेशन आता है तो उसे लागू किया जाएगा.
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