हिसार । हिसार की सर्दी जनवरी माह के जाते-जाते भी रिकॉर्ड तोड़ रही हैं. इस साल के सीजन में हिसार में बुधवार की रात्रि को सबसे कम तापमान दर्ज किया गया. तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस पहुंचने से खेतों में उसकी चादर जम गई.
हिसार में पड़ रही है कड़ाके की ठंड
यह मौसम पहाड़ो को भी सर्दी के मामले में पीछे धकेल रहा है. अगर हिसार की सर्दी की तुलना शिमला से की जाए, तो वहां 2.6 न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया. जो कि हिसार से भी ज्यादा है. हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और सोलन से कुछ अधिक तापमान हिसार का है. वही प्रदेश की बात करें तो हरियाणा में सबसे कम तापमान हिसार का रहता है. नारनौल का तापमान 2.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम वैज्ञानिकों द्वारा ऐसा अनुमान लगाया गया कि इस बार लंबे समय तक सर्दी रहेगी. जिसकी वजह से फसलों को भी फायदा मिलेगा.
मौसम वैज्ञानिकों ने आंकड़ा किया जारी
सुबह शाम अभी भी ज्यादा ठंड हो रही है, हालांकि दिन में धूप निकलने से राहत महसूस हो रही है. मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि तापमान में गिरावट का सबसे बड़ा कारण हवाओं से जुड़ा हुआ है. कुछ समय पहले पश्चिमी विक्षोभ प्रदेश को पास करते हुए पहाड़ों की तरफ गया. जिसकी वजह से पहाड़ी इलाकों पर बर्फ देखने को मिली. रात के तापमान में गिरावट देखने को मिली. चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ मदन खीचड़ ने बताया कि 30 जनवरी तक मौसम परिवर्तनशील व मौसम शुष्क रहने की संभावना है. दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी व उत्तर पश्चिमी शीत हवा चलने की संभावना से तापमान में गिरावट व कल सुबह देर तक धुध छाई रहेगी. हिसार में अधिक ठंड पड़ने का सबसे बड़ा कारण, वैज्ञानिक ने हिसार का एरिट जोन में होना बताया है. यहां की मिट्टी रेतीली और पथरीली है.जिसकी वजह से यहां गर्मी व सर्दी अधिक पड़ती है.
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