सिरसा | हरियाणा के सिरसा जिले में जैन समाज के लोगों ने पशु संरक्षण की दिशा में एक ऐसी कवायद शुरू की है, जो पक्षियों का सहारा बन गई है. सिरसा शहर के रानियां रोड पर जिन्नादत्त सूरी संघ दादावाड़ी में एक पक्षी आश्रय स्थल बनाया गया है, वह भी एक या दो मंजिल नहीं बल्कि 21 मंजिल का एक पूरा भवन है. मूक पक्षी गर्मी और सर्दी के दौरान इस आश्रय में रहते हैं. पक्षियों के खाने पीने की भी व्यवस्था की गई है.
10 लाख की लागत से बनाया गया घर
बताया जा रहा है कि आश्रय स्थल के काफी नजदीक ही एक चबूतरा भी बनाया गया है जहां जैन समाज के लोगों के साथ- साथ कुछ धर्मार्थ सज्जन भी पक्षियों के खाने पीने के पानी की व्यवस्था करते हैं. इस घर में सुबह से शाम तक पक्षी आते हैं और कुछ पक्षी तो इस घर में रात भी बिताते हैं. यह आशियाना करीब 10 लाख रुपए की लागत से बना है और अब जैन समाज के लोगों ने इससे ऊपर उठकर घायल पक्षियों के इलाज के लिए अस्पताल बनाने का फैसला किया है. खास बात यह है कि सिरसा में बना चिड़ियाघर पूरे उत्तर भारत में सबसे बड़ा है.
पक्षियों के लिए बनाया 21 मंजिला घर
आशियाना प्रोजेक्ट सदस्य भूषण जैन ने बताया कि उनकी संस्था के मुखिया चंद्रयश जैन कुछ समय पहले बेंगलुरु गए थे. जहां उन्होंने पक्षियों के लिए बने आशियाने को देखा. उन्होंने उस समय सिरसा में भी ऐसा ही आशियाना बनाने का निर्णय लिया था. फिर सिरसा के रानियां रोड स्थित दादावाड़ी में पक्षियों के लिए 21 मंजिला आश्रय स्थल बनाया गया है जिसमें पक्षियों के रहने की समुचित व्यवस्था की गई है.
घर में आते हैं प्रवासी पक्षी
भूषण जैन ने बताया कि इस घर में कबूतर, तोता समेत कई प्रवासी पक्षी आते हैं. उन्होंने कहा कि इस घर में पक्षियों के लिए अनाज और पीने के पानी सहित विशेष व्यवस्था की गई है. इसके लिए दो लोगों को नियुक्त किया गया है जो समय- समय पर इस घर में आने वाले पक्षियों की व्यवस्था का पूरा ध्यान रखते हैं.
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