HPSC ने भर्ती के लिए हायर एजुकेशन में हिंदी के साथ संस्कृत को किया अनिवार्य, हाई कोर्ट में दी जा सकती है चुनौती

चंडीगढ़ | पहले से ही कुछ भर्तियों कों नियमों में उलझाकर युवाओं के सरकारी नौकरी लेने के सपने कों सच करने इंतजार करवाया जा रहा है ऐसे में दूसरी भर्तियों के लिए भी यह प्रतीक्षा बढ़ सकती है. हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC)  की तरफ से एक और बदलाव किया गया है जिसके कारण भर्तियों को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.

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जारी नहीं की गई कोई अधिसूचना

कमीशन कानून को संशोधित किए बिना नियमों को बदल रहा है. भर्तियों में दसवीं में हिंदी या संस्कृत अनिवार्य विषय है. कुछ समय पहले सरकार की तरफ से यदि दसवीं में यह विषय नहीं है तो हायर एजुकेशन यानी एमए तक में हिंदी विषय है तो उसे मान्य करने की अधिसूचना जारी की गई थी. अब हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन ने हिंदी के साथ संस्कृत भी शामिल कर दी है जबकि इस बारे में कोई अधिसूचना जारी ही नहीं की गई है. ऐसे में यदि किसी ने इस मामले को हाई कोर्ट में चुनौती दे दी तो यह भर्ती उलझ सकती है.

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हिंदी को 2009 में किया था शामिल 2019 में जारी हुआ सर्कुलर

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि जब हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव के सीधे अधीन आने वाले सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से आज तक जारी सरकारी हिदायत के अनुसार राज्य में हर सरकारी पद पर नियुक्ति के लिए मैट्रिक में हिंदी या संस्कृत विषय होने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है. शुरू से ही प्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए मैट्रिक में हिंदी विषय होना अनिवार्य होता था. 16 वर्ष पहले मई 2007 में हरियाणा में तत्कालीन हुड्डा सरकार ने सरकारी नौकरी के लिए मैट्रिक में हिंदी के साथ- साथ संस्कृत को भी हिंदी के समान माना था.

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इसके लगभग दो वर्ष बाद अगस्त 2009 में हायर एजुकेशन में भी हिंदी विषय वाले को भी सरकारी योग्य मान लिया गया गया. लगभग सवा 4 साल पहले फरवरी 2019 में मुख्य सचिव के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक और सर्कुलर पत्र में भी ऐसा ही बताया गया लेकिन हायर एजुकेशन में संस्कृत विषय होने को भी मानने का कोई आदेश या निर्देश नहीं है.

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इस भर्ती के लिए किया आंशिक संशोधन

हाल ही में, एचपीएससी ने एचपीएससी की तरफ से प्रॉसीक्यूशन निदेशालय में असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटॉनी के कुल 112 पदों पर चयन के लिए फरवरी में जारी मूल विज्ञापन में इच्छुक उम्मीदवारों की दर्शाई गई योग्यता में आंशिक संशोधन कर दिया. यह उल्लेख किया गया है कि केवल मेट्रिक में ही नहीं बल्कि उच्च शिक्षा में भी हिन्दी एवं संस्कृत विषय वाले लॉ एलएलबी ग्रेजुएट भी इन पदों के लिए योग्य होंगे. इससे पहले इन पदों के लिए 10वीं में हिंदी और संस्कृत विषय अनिवार्य होना ही दर्शाया गया था.

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