नई दिल्ली | लगातार बढ़ती खाद्य तेल की कीमतों को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने बुधवार को रिफाइंड सोया और सूरजमुखी तेल पर आधार आयात शुल्क 17.5% से घटाकर 12.5% कर दिया. ऐसे में आने वाले दिनों में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है. भारत मुख्य रूप से अर्जेंटीना, ब्राजील, यूक्रेन और रूस से सोया तेल और सूरजमुखी तेल का आयात करता है.
भारत 60% करता है आयात
भारत वनस्पति तेलों का दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार है. अपनी मांग का लगभग 60% आयात करता है. इससे अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उतार- चढ़ाव का सीधा असर घरेलू बाजार पर पड़ता है. कुल आयात की बात करें तो भारत सालाना 1.4 करोड़ टन तेल का आयात करता है. इसमें कच्चे तेल और रिफाइंड तेल की हिस्सेदारी 75% और 25% है. वार्षिक खपत 24 मीट्रिक टन है.
तेल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदम
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि तेल की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए यह कदम उठाया गया है. एसईए के आंकड़ों से पता चलता है कि मौजूदा तेल वर्ष (नवंबर- अक्टूबर) की पहली छमाही में सूरजमुखी और सोयाबीन तेल का निर्यात 31 लाख टन तक पहुंच गया. पिछले साल यह 33 लाख टन था.
सरकार ने कही थी ये बात
इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में गिरावट को देखते हुए खाद्य तेल संघ से तेल की कीमतों में 8- 12 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने को कहा था. इस महीने की शुरुआत में खाद्य तेल संघ के साथ बैठक के बाद खाद्य मंत्री ने कहा था कि कुछ कंपनियां, जिन्होंने कीमतें कम नहीं की हैं, उन्हें कीमतें कम करनी होंगी.
रिफाइंड सोया तेल की कीमत 90 हजार रुपए प्रति टन
अप्रैल में भारत का सोयाबीन तेल आयात 1% बढ़कर 2,62,000 टन और सूरजमुखी तेल आयात 68% बढ़कर 2,49,000 टन हो गया. रिफाइंड सोया तेल की कीमत 90,000 रुपये प्रति टन और सूरजमुखी तेल की कीमत 92,000 रुपये प्रति टन थी. पिछले साल इसी अवधि में रिफाइंड सोया तेल की कीमत 1.4 लाख रुपये और सूरजमुखी के तेल की कीमत 1.7 लाख रुपये प्रति टन थी.
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