रेवाड़ी के इस रेस्टोरेंट में मिलते हैं देशी घी के पराठे, इतने फेमस की दिल्ली व राजस्थान तक के लोग आते हैं खाने

रेवाड़ी | हर शहर का अपना- अपना ख़ास स्वाद होता है कहीं छोले भटूरे, कहीं पाव भाजी, कहीं जलेबी तो कहीं पराठे मशहूर हैं. बता दे रेवाडी के पराठे भी काफी प्रसिद्ध हैं. शहर के अशोका होटल में देसी घी से बने परांठे खाने के लिए शौकीनों की भीड़ जुटती रहती है. लोग इस होटल के पराठों के कायल हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि काफी लोग इनका स्वाद चखने के लिए दूर- दूर से यहां आते हैं.

Ashoka Hotel Kund

यहां दिनभर पसोसे जाते हैं नाश्ते में पराठे

इस रेस्टोरेंट में सिर्फ सुबह के नाश्ते में ही नहीं बल्कि पूरे दिन परांठे परोसे जाते हैं. अशोका होटल की शुरुआत वर्ष 1972 में मनेठी निवासी सुल्तान सिंह यादव ने की थी. इसकी शुरुआत उन्होंने अपने बड़े बेटे अशोक के नाम पर की थी. पहले यहां सिर्फ एक साधारण ढाबा ही चलाया जाता था लेकिन साल 1992 के बाद लोगों का परांठे के प्रति प्रेम देखकर यहां सिर्फ पराठे ही परोसे जाने लगे.

यह भी पढ़े -  हरियाणा से पंजाब- दिल्ली- राजस्थान जाने वाली 46 स्पेशल ट्रेनों के बदले गए नंबर, फटाफट चेक करें पूरी लिस्ट

मालिक खुद अपने हाथों से बनाते हैं परांठे

मालिक राम किशन का कहना है कि जब रेस्टोरेंट में पराठे की शुरुआत हुई थी तो रेट 5 रुपये था लेकिन अब महंगाई बढ़ने के साथ- साथ यहां भी रेट बढ़ गए हैं. अब यहां 60 रुपये में एक परांठा मिलता है. बता दे यहां कई तरह के पराठे मिलते हैं जैसे- आलू पराठा, प्याज पराठा, मिक्स वेज पराठा, पनीर पराठा जैसी कई वैरायटी हैं. उन्होंने बताया कि वह घर में बने मसालों का इस्तेमाल करते हैं. साथ ही, ग्राहकों के लिए परांठे खुद बनाते हैं, इसके लिए उन्होंने कारीगर नहीं रखे हैं.

यह भी पढ़े -  हरियाणा में 'शिव धाम' योजना की होगी शुरुआत, 503 गांवों की 658 जगहों की बदलेगी तस्वीर

यह भी पढ़े : हरियाणा पुलिस कांस्टेबल ने किया कमाल

बड़े भाई की मृत्यु के बाद छोटे चला रहे होटल

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 11 पर जैसे ही आप रेवाडी से नारनौल की ओर चलेंगे तो करीब 20 किमी. दूर कुंड बस स्टैंड पर अशोका होटल है. अशोक की मौत के बाद उनके छोटे भाई राम किशन रेस्टोरेंट चला रहे हैं. बताया कि तीन किलोमीटर दूर ओल्ड अशोका होटल नाम से एक और रेस्टोरेंट है, जिसे उसका भाई सुनील चलाता है.

यह भी पढ़े -  हरियाणा की बेटी पूजा ने बहरीन में बढ़ाया हिंदुस्तान का गौरव, बोकिया चैलेंजर सीरीज में जीता सिल्वर और कांस्य पदक

खाने के साथ घर भी ले जाते हैं पराठे

लोगों का कहना है कि इन पराठों का स्वाद काफी अलग होता है. यहां सिर्फ रेवाडी ही नहीं बल्कि दिल्ली और राजस्थान से भी लोग पराठे खाने आते हैं. जिन लोगों को इस रास्ते से गुजरना होता है, वे पराठे खाने के लिए यहां जरूर रुकते हैं. यहां लोग पराठे तो खाते ही हैं साथ ही, अपने रिश्तेदारों के लिए घर भी ले जाते हैं.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit