चंडीगढ़ । हरियाणा में बीजेपी जेजेपी गठबंधन सरकार को कांग्रेस पार्टी ने घेरने की रणनीति बना ली है. बुधवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई है जिसमें विधानसभा के बजट सत्र में 4 विशेष प्रस्ताव लाए जाने पर सहमति बनाई गई है. कांग्रेस मौजूदा बीजेपी जेजेपी गठबंधन सरकार के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली है और इसके साथ ही 3 नए कृषि कानूनों को रद्द करने का प्रस्ताव भी कांग्रेस पार्टी विधानसभा में लेकर आएगी.
प्रदीप चौधरी को नहीं दिया गया अपनी बात रखने का मौका -हुड्डा
मीटिंग में कांग्रेस के 30 विधायकों में से केवल 25 विधायक ही उपस्थित रहे. कुलदीप बिश्नोई, शीशपाल केरीवाला, शमशेर सिंह गोगी, रेणु बाला, चिरंजीव राव मीटिंग में उपस्थित नहीं हुए. कालका के विधायक प्रदीप चौधरी की विधानसभा से सदस्यता रद्द करने के स्पीकर के निर्णय पर भी मीटिंग में प्रश्न उठाए गए. हुड्डा के अनुसार स्पीकर ने प्रदीप चौधरी की सदस्यता को रद्द करने में बहुत ही जल्दबाजी दिखाई है. प्रदीप चौधरी को अपनी बात रखने या अदालत में कार्यवाही करने तक का अवसर नहीं दिया गया है. इसमें बीजेपी की बौखलाहट साफ साफ दिखाई दे रही है. बीजेपी को चाहिए था कि वह पहले प्रदीप चौधरी को नोटिस भेजे और उनका पक्ष जाने.
राज्यपाल से मिलने के लिए मांगा समय
मीटिंग में राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य द्वारा कांग्रेस पार्टी के विधायकों को मिलने का समय ना देने की कड़ी आलोचना की गई. विधायक दल की मीटिंग के पश्चात पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, नीरज शर्मा, अमित सिहाग, पूर्व मंत्री आफताब अहमद, जगबीर मलिक, पूर्व मंत्री गीता भुक्कल ने संयुक्त रुप से कहा कि बार-बार कांगेस पार्टी राज्यपाल से मिलने की याचना कर रही है परंतु वह उन्हें समय नहीं दे रहे हैं. यदि बुधवार को सुबह 11:00 बजे तक राज्यपाल ने कांग्रेस विधायकों को बातचीत करने के लिए नहीं बुलाया तो इसके तुरंत बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में सभी विधायक एम एल ए हॉस्टल से पैदल मार्च करते हुए हरियाणा राजभवन की ओर कूच करेंगे.
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