Kisan Aandolan: करनाल के 9 गांवों में BJP-JJP नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध, किसानों ने कहा- गांव में घुसने नहीं देंगे

करनाल | किसान आंदोलन (Kisan Aandolan) के चलते हरियाणा मे करनाल (Karnal) के इंद्री में भाजपा व जेजेपी नेताओ की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. कहा जा रहा है कि इन्द्री हलके के कुल 9 गांवो के किसानों (Farmers) ने भाजपा व जजपा नेताओं बहिष्कार कर दिया है. यहां पर भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने जमा हो कर एक मींटिग का आयोजन किया और फिर बाद में अपने गांव में बीजेपी व जेजेपी नेताओं का बहिष्कार करके ,उन सभी को अपने गांव घुसने पर रोक लगा दी है.

यहां हम आपको विशेष रूप से बता दें कि यह फैसला उपस्थित सभी लोगो ने एकजुट होकर लिया है. इस मामले में अपनी एकता दिखाते हुए व सभी की सहमति जताई जने के बाद से गांव के लोगो ने गांव के मुख्य द्वारा पर एक बैनर भी लगा दिया है जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि बीजेपी व जेजेपी नेताओं का गांव में आना सख्त मना है.

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Guru Satnam

किसानों ने अपना पक्ष रखते हुए बताया है कि देश के किसान इतनी भारी संख्या में बीते कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर सडक़ों पर धरना प्रदर्शन करते हुए बैठे हैं किन्तु, सरकार उनकी मांगों को हर दिन अनसुना कर रही है. यह जो कुछ भी सरकार द्वारा किया जा रहा है वह बेहद ही ग़लत है, सरकार की इस मामले में चुप्पी को देख कर, हम किसान भाई सरकार की कड़ी निन्दा करते हैं. करीबन 100 से भी अधिक किसान अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं किन्तु सरकार ने उनके प्रति संवेदना व्यक्त तक नहीं की है. उन्होंने कहा कि सरकार हाल ही में लागु किए गए अपने इन तीनों काले कानूनों को वापिस लेकर किसानों के चेहरों पर खुशी लाने का काम कर सकती है, परन्तु अभी तक सरकार कुछ भी नहीं कर रहीं हैं.

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किसान आंदोलन को मजबूर करने की रणनीति

यहां हम आपको मुख्य रूप से जानकारी दें दे कि इंद्री के गांव भादसो के ग्राम सचिवालय में कुल नौ गांवों के किसानों द्वारा पंचायत का आयोजन किया गया. जहां, पंचायत में किसानों ने आंदोलन को मजबूत करने की रणनीति पर विचार विमर्श करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की ओर सभी ने अपनी अपनी प्रतिक्रिया भी दी.

पंचायत की अध्यक्षता करते हुए किसान नेता ने रखा अपना पक्ष

वहां, पंचायत की अध्यक्षता करते हुए किसान नेता आत्मप्रकाश जी ने कहा कि इस समय केवल सरकार द्वारा किसान आंदोलन को तोड़ने की रणनीति बना रहीं हैं, यही वजह है कि वह नई नई तरकीबे खोज रही है लेकिन हम किसान आंदोलन को तोड़ने की सरकार की किसी भी साजिश कामयाब नहीं होने देंगे और साथ ही साथ मांगे नहीं माने जाने तक आंदोलन को यूं ही जारी रखेंगे. अब अगर हमारी रणनीति की ओर रूख करे तो हर गांवों से क्रम अनुसार ट्रैक्टर ट्रालिया आंदोलन में राशन लेकर आते जाते रहेंगे. जब तक यह काले कानून वापस नहीं लिए जाएंगे तब तक हमारा धरना प्रदर्शन नहीं चलता रहेगा, अब हम किसी हाल में भी रुकने वाले नहीं हैं.

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