चंडीगढ़ | टमाटर की कीमतों में अचानक उछाल आ गया है, जहां पिछले 10 दिनों में टमाटर की थोक कीमत चार गुना बढ़ गई है. वहीं, बारिश और ओलावृष्टि से स्थानीय फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है. मई माह में जहां मंडियों में टमाटर की कीमत 3 से 5 रुपये प्रति किलो थी. 15 से 17 जून तक यह 15 से 20 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई. सोमवार को मंडी में टमाटर की कीमत 90 रुपये तक पहुंच गई. हिमाचल प्रदेश और गुजरात से टमाटर की आवक अचानक कम होने से दाम बढ़ गए हैं.
बिगड़ सकता है रसोई का बजट
हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले टमाटर की एक क्रेट (लगभग 20 किलो वजन) मंडी में 1,000 से 1,400 रुपये में बिक रही है. आढ़तियों का कहना है कि बेंगलुरु और नासिक से आने वाले टमाटर की फसल से रेट थोड़ा कमजोर हो सकता है. अगर बारिश इसी तरह जारी रही तो अगले 10 से 12 दिनों में थोक में क्रेटों की कीमत 2,000 रुपये तक पहुंच सकती है. इससे किचन का बजट बिगड़ना लाजमी है. वहीं, पिछले साल इन दिनों टमाटर की कीमत 40 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी.
क्या है कीमत बढ़ने का कारण?
गुजरात और हिमाचल से आने वाले टमाटर की खेप में कमी के कारण रेट बढ़े हैं. दोनों राज्यों में बारिश के कारण फसल प्रभावित हुई है. वहीं, स्थानीय खेतों से टमाटर बाजार में नहीं आया है. यमुनानगर की सब्जी मंडी के प्रधान सुरेश नंबरदार का कहना है कि इन दिनों बारिश के कारण स्थानीय टमाटर की फसल बर्बाद हो जाती है, जिसके चलते टमाटर की कीमतों में उछाल आया है.
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