करनाल | हरियाणा के युवा ही नहीं बल्कि बुजुर्ग भी देश भर में प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं. इसी कड़ी में करनाल के ऐसे बुजुर्ग जिनकी उम्र 70 पार कर चुकी है लेकिन जोश और जुनून आज भी युवाओं जैसा है. इसी जोश और जुनून से करनाल के 5 बुजुर्गों ने उत्तराखंड में हरियाणा का नाम रोशन किया है. इससे यह पता चलता है कि बुलंद हौसलों के आगे उम्र की कोई सीमा नहीं होती. अगर आप बुलंद हौसलों से कुछ करने की ठान लें तो मंजिल तक पहुंचना मुश्किल नहीं है. इस बात को साबित किया है.
देहरादून में आयोजित मास्टर 18वीं ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पांचों खिलाड़ियों का दबदबा रहा. इनमें से कुछ खिलाड़ी 60 से ऊपर हैं और कुछ 70 से ऊपर हैं. पांच खिलाड़ियों में एक महिला खिलाड़ी भी हैं जो बीमारियों को हराकर खड़ी हुईं और प्रतियोगिता में भाग लेकर जीत हासिल की.
स्टेडियम में हुआ जोरदार स्वागत
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि करनाल के इन पांचों खिलाड़ियों ने कुल 9 मेडल जीतकर अपने वतन वापसी की है. इन खिलाड़ियों ने डिस्कस थ्रो, शूटआउट और दौड़ में अच्छा स्थान प्राप्त किया है. जीत हासिल करने वाले सभी बुजुर्गों ने कहा है कि वह आगे भी प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहेंगे.
दूसरों के लिए बने प्रेरणास्रोत
कहते हैं ‘उम्र सिर्फ एक संख्या है’. ये बात इन बुजुर्गों पर बिल्कुल फिट बैठती है जिन्होंने उम्र को बहाना न बनाकर एक मुकाम हासिल किया है जो इस उम्र में आकर भी बुढ़ापे को मात दे रहे हैं और खेल रहे हैं. करनाल में रहने वाला यह बुजुर्ग उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो उम्र की सीमा के कारण अपने सपनों को उड़ान नहीं दे पाते.
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