फरीदाबाद | हरियाणा के जिला फरीदाबाद के लोगों के लिए एक राहत की खबर आई है. दिल्ली से लेकर फरीदाबाद तक की जल्द ही 40 अवैध कॉलोनियों को नियमित की जाएंगी. इसके लिए नगर निगम द्वारा प्रस्ताव सरकार के पास भेज दिया गया है. कुल 103 कॉलोनियों का प्रस्ताव भेजा गया है. जिसमें से 43 कॉलोनियों को नियमित करने का कार्य चरम पर है.
अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की कवायद शुरू
राज्य सरकार के दिशा- निर्देश पर अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की कवायद शुरू हो गई है. अभी नगर निगम का सर्वे चल रहा है. इस सर्वे में कम से कम एक एकड़ की दो कॉलोनियों को शामिल किया जा रहा है. कॉलोनी को वैध बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानदंड यह है कि कॉलोनी में 50 प्रतिशत से अधिक आबादी हो और कॉलोनी की मुख्य सड़कें छह मीटर चौड़ी हों और आंतरिक सड़कें कम से कम तीन मीटर चौड़ी हों. ऐसी कॉलोनियों को नियमित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा. नियमितीकरण के बाद इन कॉलोनियों में लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
306 कॉलोनियों का चल रहा सर्वे
ग्रेटर फरीदाबाद समेत शहर में करीब 306 कॉलोनियों का सर्वे कार्य चल रहा है. नगर निगम ने पिछले साल करीब 349 अवैध कॉलोनियों को नियमित कराने के लिए उनका ब्योरा भेजा था. इनका सर्वे पहले टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने किया था. इनमें कई खामियां उजागर हुईं. इनमें से केवल 43 कॉलोनियों को नियमितीकरण के लिए सूचीबद्ध किया गया था जबकि 20 कॉलोनियों का प्रस्ताव जनवरी में भेजा गया था.
40 कॉलोनियों का प्रस्ताव दो दिन पहले राज्य सरकार को भेजा गया था. बाकी 246 कॉलोनियां बची हैं, उन सभी का सर्वे चल रहा है. ये कॉलोनियां नवादा, तिगांव, झाड़सैंतली, खेड़ा, गौंछी, नंगला गुजरान, बुढेना, मुजेडी, नीमका और दयालपुर जैसे गांवों के राजस्व क्षेत्र में स्थित हैं.
लोग कर रहे नियमितीकरण की मांग
बता दें कि स्थानीय लोग पिछले 7- 8 साल से लगातार इन कॉलोनियों को नियमित करने की मांग कर रहे हैं. राज्य सरकार ने पिछले साल कॉलोनियों को नियमित करने की कवायद शुरू की थी. राज्य सरकार ने अब इसमें संशोधन के साथ दो एकड़ क्षेत्र में बसी कॉलोनियों को नियमित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनमें से अधिकांश कालोनियों में पचास प्रतिशत से अधिक आबादी हो चुकी है. राज्य सरकार ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से करीब 113 अवैध कॉलोनियों का ड्रोन सर्वे करवाया था.
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने जिन शर्तों पर सर्वे कराया है, उन्हीं शर्तों का पालन करते हुए नगर निगम ने भी अपने स्तर पर कॉलोनियों का सर्वे कराया है. अब आरडब्ल्यूए के बजाय कॉलोनी के कुछ निवासी अपने स्तर पर भी कॉलोनी को नियमित करने की मांग कर सकते हैं. फिलहाल आरडब्ल्यूए से प्रस्ताव लिए गए. कुछ लोग आरडब्ल्यूए और प्रपोजल के नाम पर पैसे वसूलते थे. इसे रोकने के लिए अब कोई भी व्यक्ति मांग पत्र दे सकता है.
लोगों को देना होगा विकास शुल्क
लोगों को कालोनियां नियमित होने के बाद विकास शुल्क देना होगा. कितना विकास शुल्क देना होगा यह नोटिफिकेशन में जारी होगा. हर कॉलोनी के लिए शुल्क अलग-अलग भी हो सकता है. इससे इन कॉलोनियों में विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी.
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