ज्योतिष | सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है. सावन का महीना भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए काफी पवित्र माना जाता है. हिंदू धर्म में किसी भी महीने के कृष्ण पक्ष में अमावस्या तिथि आती है. हिंदू धर्म में इस तिथि को पितरों की पूजा और धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए काफी फलदाई माना जाता है. अमावस्या की तिथि का महत्व तब और ज्यादा बढ़ जाता है, जब यह श्रावण मास में आती है.
श्रावण मास की अमावस्या पर सोमवार के दिन का संयोग भी काफी खास है. आज की इस खबर में हम आपको सोमवती अमावस्या के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे.
कब है सोमवती अमावस्या
दैनिक पंचांग के अनुसार, सावन की सोमवती अमावस्या 16 जुलाई को देर रात 10:08 से शुरू होगी और 18 जुलाई को देर रात 12:01 पर खत्म होगी. 17 जुलाई को सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी. सोमवती अमावस्या को सभी अमावस्या में सबसे खास माना जाता है. अबकी बार श्रावण अमावस्या तिथि सोमवार के दिन ही पड़ रही है, इसी वजह से इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है.
सोमवती अमावस्या पर इस प्रकार करें पूजा
- सोमवती अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म काल में उठे और भगवान शिव का नाम लेकर अपने दिन की शुरुआत करें.
- वैसे तो इस दिन नदी में स्नान करने का महत्व है परंतु यदि ऐसा ना हो तो नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिला ले.
- सूर्य को जल अर्पित करते समय उसमें थोड़े काले तिल मिलाए.
- इसके बाद, माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ की पूजा करें.
- पंचोपचार कर महादेव की पूजा करके फल- फूल, भांग, धतूरा, बेल पत्र आदि भोलेनाथ को अर्पित करें.
- पूजा करते समय भगवान भोलेनाथ का अभिषेक गंगाजल से करवाएं.
- शिव चालीसा, शिव स्त्रोत का पाठ और शिव मंत्र का जप भी करें.
- पूजा समापन के बाद ब्राह्मणों को दक्षिणा भी दें.
हिंदू मान्यता के अनुसार, सोमवती अमावस्या वाले दिन पीपल के पेड़ की सेवा करने का विशेष महत्व है. यदि कोई भी जातक इस दिन पीपल के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाता है. उसे भगवान विष्णु, भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा जी का आशीर्वाद मिलता है. इसके साथ ही, सोमवती अमावस्या के दिन जल में काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!