ज्योतिष, Shivratri 2023 | हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि व्रत का विशेष महत्व है. सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है बड़ी संख्या में श्रद्धालु कावड़ लेने के लिए हरिद्वार भी जा रहे हैं. अबकी बार सावन का महीना 30 दिनों की बजाय पूरे 59 दिनों का होने वाला है. प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. सावन में शिवरात्रि के व्रत का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन महीने में शिवरात्रि व्रत रखने से व पूजा पाठ करने से जातको को सुख- समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. आज हम आपको बताएंगे कि शिवरात्रि का व्रत कब है और किस प्रकार आपको भगवान भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए.
इस दिन है शिवरात्रि का व्रत
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 15 जुलाई रात्रि 8:32 को शुरू होगी और इस तिथि का समापन 16 जुलाई को रात्रि 10:08 पर होगा. शिवरात्रि के व्रत पर भगवान शिव की पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व है. अबकी बार शिवरात्रि का व्रत 15 जुलाई शनिवार के दिन रखा जाएगा.
इस शुभ मुहूर्त में करें भगवान भोलेनाथ की पूजा
शास्त्रों में जानकारी दी गई है कि शिवरात्रि के मौके पर भक्तों को भगवान शिव की उपासना चार प्रहर में करनी चाहिए. शिवरात्रि के दिन प्रथम प्रहर की पूजा शाम 7:21 से रात्रि 9:54 तक कर सकते हैं. इसके बाद दूसरा प्रहर रात 9:54 से मध्यरात्रि 27 मिनट तक काफी शुभ मुहूर्त है. तृतीय प्रहर की उपासना रात्रि 12:27 से सुबह 3:03 तक और चौथा प्रहर सुबह 5:33 मिनट तक रहेगा. सावन की शिवरात्रि के व्रत का पार्न 16 जुलाई को सुबह 5:33 से दोपहर 3:54 मिनट तक होगा.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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