दिल्ली एयरपोर्ट पर देश का पहला ईस्टर्न क्रॉस टैक्सी-वे बनकर हुआ तैयार, अब दिखेगा अनोखा नजारा

नई दिल्ली | बता दे दिल्ली एयरपोर्ट पर रनवे-29 से टी-1 की दूरी कम करने के लिए बनाया जा रहा एलिवेटेड ईस्टर्न क्रॉस टैक्सी-वे बनकर तैयार है. इस पर किए गए परीक्षण सफल रहे. अब इसे किसी भी समय हवाई जहाजों की आवाजाही के लिए खोला जा सकता है. यह ईसीटी टर्मिनल-1 और टर्मिनल-3 को आपस में जोड़ेगी. इसके साथ ही यहां बनाया गया चौथा रनवे भी पूरा हो गया है लेकिन इसके लिए अभी बीसीएएस की हरी झंडी का इंतजार है.

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कोहरे के मौसम में होगा लाभ

जानकारी के मुताबिक, 2.1 किलोमीटर की लंबाई में बने ईसीटी के शुरू होने से सबसे बड़ा फायदा कोहरे के मौसम में होगा. जब रनवे-29 पर उतरने के बाद फ्लाइट 9 किलोमीटर की दूरी तय कर टी-1 पर आती है. इस दूरी को तय करने में हवाई जहाज को लगभग 30 मिनट का समय लगता है लेकिन ईसीटी शुरू होने के बाद यह समय महज कुछ मिनट का रह जाएगा. इससे सामान्य दिनों में भी समय की बचत होगी. फिलहाल दिल्ली एयरपोर्ट पर ट्रैफिक के कारण यात्रियों को लैंडिंग के बाद भी काफी देर तक विमान में बैठे रहना पड़ता है. इसके शुरू होने के बाद इसमें लगने वाला समय भी कम हो जाएगा.

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टैक्सी-वे का रहा ट्रायल सफल

एयरपोर्ट का संचालन करने वाली कंपनी डायल ने बताया है कि टैक्सी-वे का ट्रायल सफल रहा है और इसे शुरू करने के लिए डीजीसीए से मंजूरी मांगी गई है. 15 जुलाई तक शुरू होने की उम्मीद है. वहीं, ईसीटी की चौड़ाई इतनी रखी गई है कि बड़े हवाई जहाजों में से एक A-380 भी इसमें चल पाएगा. इससे हर साल करीब 55 हजार कार्बन डाइऑक्साइड भी कम पैदा होगी. देश के सभी हवाईअड्डों में पहली बार दिल्ली हवाईअड्डे पर ईसीटी बनाई गई है. चौथे रनवे के शुरू होने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन जाएगा जहां, 4 रनवे होंगे.

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ये होगा फायदा

आपको बता दें कि लैंडिंग के लिए हवा की दिशा के मुताबिक विमानों को कभी द्वारका तो कभी नेशनल हाईवे की तरफ बने टर्मिनल पर उतरना पड़ता है. वहां से 9 किमी दूर ये विमान अपने हैंगर प्वाइंट पर आते हैं. टैक्सी-वे शुरू होने के बाद यह दूरी 9 किमी की बजाय 2 किमी ही रह जाएगी और 20-25 मिनट भी बचेंगे. इससे लैंडिंग के बाद रनवे भी जल्दी खाली हो जाएगा और अगले विमान को भी रनवे का इस्तेमाल करने की इजाजत मिल जाएगी.

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