बहादुरगढ़ । हरियाणा के बहादुरगढ़ में एक किसान ने नए कृषि कानूनों के संबंध में भारत सरकार से नाराज होकर फांसी लगा ली और आत्महत्या कर ली. सेक्टर 9 बाईपास टीकरी बॉर्डर के पास एक पार्क में पेड़ से लटककर किसान ने आत्महत्या कर ली. मृतक किसान की पहचान हो चुकी है. मृतक किसान जींद के सिंघवाल गांव का रहने वाला है जिसका नाम कर्मबीर बताया जा रहा है. करमबीर के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है.
सुसाइड नोट में सरकार को ठहराया जिम्मेदार
सुसाइड नोट पर कर्मबीर ने लिखा है कि भारत सरकार तारीख पर तारीख दिए जा रही है. यह काले कानून कब रद्द होंगे, पता नहीं. जब तक यह तीनों काले कृषि कानून रद्द नहीं होंगे तब तक यहां से नहीं जाएंगे. मृत शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल भेज दिया है. कर्मबीर के परिवार वालों के आने के पश्चात उनके बयान दर्ज किए जाएंगे.
टिकरी बॉर्डर पर 2 किसानों की हुई मौत
टिकरी बॉर्डर पर दो और किसानों की मौत की सूचना मिल रही है. इनमें से एक किसान मोगा जिले का और दूसरा किसान पंजाब के संगरूर जिले का रहने वाला है. फिलहाल दोनों किसानों की मृत्यु के कारण की पुष्टि नहीं हो पाई है. अनुमान लगाया गया है कि दोनों की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई है. दोनों मृतकों की आयु 60 वर्ष और 70 वर्ष बताई जा रही है.
जींद और मानसा के किसानों की गई जान
नया गांव चौक के समीप बस की चपेट में आने से भी पंजाब के रहने वाले किसान की मृत्यु हो गई. वही एक किसान की दिल के दौरे से मृत्यु होने की आशंका है, जो जींद जिले का रहने वाला है. पुलिस ने दोनों के परिवार वालों को दोनों शव सौंप दिए हैं.
किसान बबली सिंह जोकि पंजाब के मानसा जिले के बाघरा गांव के रहने वाले हैं, टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल थे. वह बहादुरगढ़ बाईपास पर नयागांव चौक के समीप किसानों के साथ ठहरे हुए थे. वह इस आंदोलन में भाग लेने के लिए 2 फरवरी को बहादुरगढ़ से आए थे.
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