ज्योतिष, Sawan 2023 | सावन कृष्ण पक्ष के आखरी चार- पांच दिन व्रत और उपवास के लिहाज से काफी खास होने वाले हैं. इनमें सावन की एकादशी और द्वादशी भी शामिल है. इन दोनों ही दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व है. सावन के महीने में रविवार को सूर्य भी राशि परिवर्तन करने वाले हैं.
सूर्य कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे, जहां पहले से ही बुध मौजूद है. सोमवार को हरियाली अमावस्या होने की वजह से सोमवती अमावस्या का भी शुभ संयोग बन रहा है.
17 जुलाई को है सोमवती अमावस्या
इन दोनों ही दिनों में किया गया स्नान दान काफी महत्व रखता है. मंगलवार से अधिक मास की शुरुआत हो जाएगी. सावन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण का अभिषेक करने के बाद मंजरी के साथ तुलसी जल अर्पित करें. वहीं, शहद मिले दूध से भगवान का अभिषेक करें. शिव पुराण के अनुसार, शिव जी की प्रिय तिथि होने की वजह प्रदोष में की गई शिव पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है.
इस प्रकार करें भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न
भगवान शिव जी शनि देव के गुरु है. इसीलिए सावन महीने में शनिवार के दिन यदि हम पूजा करते हैं तो हमे शनि दोषों से छुटकारा मिल जाता है. सावन महीने के कृष्ण पक्ष का आखरी दिन सोमवार को होने वाला है. सावन महीने में सोमवती अमावस्या के संयोग में किया गया स्नान और दान काफी महत्वपूर्ण होता है. इससे मिलने वाले पुण्य कई गुना बढ़ जाते हैं. पितृ भी प्रसन्न होते हैं और आपको सुख- समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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