गुरुग्राम | दुनिया में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है. भारत इस समय जनसंख्या के आंकड़ों में दुनिया में नंबर 1 पर है. चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत पहले स्थान पर आ गया है. ऐसी खबरों के बाद क्या आप सोच सकते हैं कि भारत में एक ऐसा गांव भी होगा जिसकी कोई आबादी नहीं है. वो एक नहीं बल्कि चार गांव हैं लेकिन सोहना के चार गांवों में एक भी व्यक्ति नहीं रहता है. यहां की जनसंख्या शून्य है. सरकार के राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में इन चारों गांवों को बेचिराग घोषित किया गया है.
चार गावों में नहीं है एक भी आदमी
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां लोगों को रहने के लिए जगह ढूंढना मुश्किल हो गया है. आज सोहना ब्लॉक में 4 गांव ऐसे हैं, जहां जमीन तो है लेकिन आबादी शून्य है. सुनने में यह बहुत अजीब लगता है लेकिन बात सोलह आने सच है. सैकड़ों वर्षों से इन गांवों में आज तक आबादी नहीं बसी है. हजारों एकड़ भूमि पर केवल खेती होती है.
इन चारों गांवों को राजस्व विभाग के रिकार्ड में बेचिराग गांव घोषित किया गया है. सोहना ब्लॉक में 4 गांव खोबरी, जलालपुर, पुलावास, रोजका गुर्जर जलालपुर हैं, जिन्हें बेचिराग गांव के नाम से जाना जाता है.
बेचिराग गांव कैसा रहा होगा?
सोहना ब्लॉक के चार गांव आज भी बेघर हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो इन चार गांवों में कोई दीया जलाने वाला नहीं है. इन गांवों में जमीन तो है लेकिन आबादी नहीं है. इस कारण प्रशासन ने इन गांवों को बेचिराग घोषित कर दिया है. यह कहना या सुनना अजीब लगता है कि गांव खाली हो गए हैं. आसपास के गांवों के लोग दिन के समय अपनी खेती करने के लिए हरा चारा लेने के लिए इन गांवों की भूमि पर आते हैं लेकिन ,शाम को आसपास के गांवों में अपने घरों में चले जाते हैं. इस सैकड़ों एकड़ जमीन पर कोई आबादी नहीं है.
गांव के नाम पर कोई आबादी नहीं!
अगर खोबरी गांव की बात करें तो इस गांव में करीब 196 हेक्टेयर जमीन है. वहीं, जलालपुर में 142 हेक्टेयर जमीन है. इसी प्रकार गुलाब के गूर्जर का पहाड़ी क्षेत्र और हजारों एकड़ भूमि है जो दमदमा झील के बहुत करीब है. पुलवास में 130 हेक्टेयर जमीन बताई जाती है जिस पर सिर्फ खेती होती है. राजस्व विभाग के रिकार्ड में इसे बेचिराग गांव घोषित किया गया है लेकिन, यहां सिर्फ जमीन पर ही खेती होती है. इन गांवों की जमीन राजस्व विभाग के रिकार्ड में है और इनके नाम भी दर्ज है लेकिन जनसंख्या नहीं है.
शाम होते ही घर चले जाते हैं लोग
इन चारों गांवों में एक भी आदमी नहीं रहता जबकि सैकड़ों एकड़ भूमि मौजूद है. इन गावों में लोग सुबह खेतों पर आते हैं और शाम को दूसरे गांव में चले जाते हैं. इस वजह से यहां पर एक भी घर नहीं है. कुछ लोगों ने ऐसे ही घर बनाया हुआ है लेकिन वो सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है.
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