अंबाला | भारतीय सेना की नई वर्दी अधिकारियों और जवानों तक पहुंच गई है. पश्चिमी कमान के तहत अंबाला में अधिकारी अब ऐसी वर्दी पहने नजर आ सकते हैं. इस वर्दी में बड़ा बदलाव यह है कि इसे लड़ाकू अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है. अमेरिका की तर्ज पर अब भारतीय सैनिकों की वर्दी में भी शर्ट को पैंट से बाहर रखा गया है. बताया जा रहा है कि उक्त वर्दी को कॉम्बैट ऑपरेशन को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.
दुकानों के बाहर नहीं बेच सकेंगे
खास बात यह है कि सेना की नई वर्दी बाहर की दुकानों पर नहीं मिलेगी. कारण यह है कि जिस कपड़े से यह वर्दी बनाई गई है वह कपड़ा भी बाहर नहीं मिलेगा. अभी तक सेना की वर्दी बाहरी दुकानों या दर्जियों के यहां भी मिलती थी जिससे कोई भी आसानी से वर्दी बनवाकर सेना में घुसपैठ कर सकता था. पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. इसलिए सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सेना के अधिकारियों और जवानों को नई वर्दी केवल सीएसडी डिपो पर या फिर सेना के जवानों के आदेश पर ही दी जाएगी. यदि सेना की वर्दी से संबंधित कपड़ा या वर्दी बिकती पाई गई तो सेना की ओर से कार्रवाई की जाएगी.
50 फीसदी यूनिफॉर्म हुई सप्लाई
मालूम हो कि सेना के जवान की वर्दी सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम मानी जाती है. खासकर युद्ध के दौरान इसका महत्व बढ़ जाता है. आरामदायक रहने से जवान बेहतर मूवमेंट से दुश्मनों को सबक सिखा सकेंगे. नई दिल्ली स्थित रक्षा मंत्रालय में सेना के प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 50 फीसदी तक वर्दी की आपूर्ति हो चुकी है. बाहर उपलब्ध नहीं होने के कारण इसकी उपलब्धता में समय लग रहा है लेकिन, इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा.
नई वर्दी की होगी ये पहचान
पहले अलग- अलग रंगों की लड़ाकू वर्दी केवल सेना में ही मिलती थी. अब सभी को एक जैसा दिखाने के लिए नई वर्दी पेश की गई है. इनका रंग एक जैसा होगा. इस पर डिजिटल प्रिंट है. साथ ही, इसका कपड़ा भी पुरानी वर्दी से अलग है. वर्दी का कपड़ा कपास और पॉलिएस्टर के संयोजन से बना है जिसमें 30 प्रतिशत पॉलिएस्टर है. फिलहाल सेना के अधिकारी नई वर्दी में नजर आ रहे हैं, जल्द ही जवान भी नई वर्दी पहने नजर आएंगे. जानकारों की मानें तो इसे इस तरह से बनाया गया है कि जंगल, पहाड़, रेगिस्तान या किसी अन्य जगह पर पहचान जल्दी उजागर नहीं होगी.
वर्दी की ये है विशेषता
नई वर्दी में सामान्य शर्ट की तरह डिजाइन नहीं है बल्कि इसे हल्के जैकेट की तर्ज पर डिजाइन किया गया है. इसमें किनारे पर हुक लगे होते हैं जिससे जवान इसे अपने शरीर के आकार के अनुसार कस और ढीला कर सकते हैं. अगर ज्यादा गर्मी है तो इससे राहत मिलेगी. जूतों के साथ भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है. सेना के अधिकारियों से लेकर जवानों तक सभी के जूते हल्के और मजबूत बनाए गए हैं. सभी का डिज़ाइन एक जैसा है.
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