हरियाणा के 12 जिलों में नदियों के किनारे बनेंगे बड़े जलाशय, बाढ़ की स्थिति को देखते हुए लिया फैसला

चंडीगढ़ | बाढ़ की चपेट में आए हरियाणा के 12 जिलों की स्थिति को देखते हुए हरियाणा सरकार भविष्य में सभी नदियों के किनारे बड़े जलाशय बनाने की तैयारी कर रही है. सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमच ने यह प्रस्ताव हरियाणा सरकार को दिया है. प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य की सभी बड़ी नदियों के आसपास बड़े जलाशय बनाकर पानी रोका जा सकता है.

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भूजल में भी होगा सुधार

प्रस्ताव में सरस्वती नदी पर बने जलाशयों के कारण आई बाढ़ के प्रभाव से कुरूक्षेत्र के कई स्थानों को अधिक क्षति न होने का उदाहरण दिया गया है. जानकारी के मुताबिक टांगरी, घग्गर, और मारकंडा नदी सहित बाकी नदियों पर भी जलाशय बनेंगे, जिससे कई फायदे होंगे. इससे यह फायदा होगा कि बाढ़ का प्रकोप ज्यादा नहीं दिखेंगा और दूसरा जमीन में पानी की रिचार्जिंग भी होगी. इससे भूजल में भी सुधार होगा.

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गौरतलब है कि सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड वर्तमान में रामपुर क्षेत्र, रामपुर कोम्बियन और छिल्लोर गांवों की पंचायती भूमि पर 330 एकड़ में एक जलाशय का निर्माण कर रहा है. इससे सोम नदी, कुछ यमुना और चौतांग नदी के जलग्रहण क्षेत्र का पानी इन जलाशयों में रोका जाएगा. इससे पहले इस बार बोहली, मरचेहड़ी और रामपुरा गांव में सरस्वती के किनारे तीन जलाशय बनाए गए हैं.

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इसका फायदा यह हुआ कि जब बाढ़ का पानी सरस्वती में आता था तो ये जलाशय उस पानी को रोक देते थे और पानी का प्रवाह कम हो जाता था. इससे पानी शहर में प्रवेश नहीं कर सका. धूमन सिंह किरमिच ने कहा कि अंबाला से पहले टांगरी और मारकंडा के ऊपर जलाशय बनाए जाएंगे.

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