चंडीगढ़ | आखिरकार हरियाणा के सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों में क्रेच नीति लागू कर दी गई है. दरअसल, इसे महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. 6 महीने से 6 साल तक के बच्चों को क्रेच में प्रवेश पालिसी के तहत दिया जाएगा. इसमें उस कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चों को रखा जाएगा.
इस दौरान बच्चों को 8 से 10 घंटे तक रखने के लिए उपयुक्त क्रेच स्थापित किए जाएंगे. हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (HKRNL) के तहत, क्रेच में कुशल और प्रशिक्षित कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा. इसमें बैसाखी कार्यकर्ता को 15,000 रुपये और सहायक को 7,500 रुपये वेतन दिया जाएगा.
इन संस्थानों में खुलना होगा जरूरी
बता दें कि महिला एवं बाल विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि 50 से अधिक कर्मचारियों वाले सभी संस्थानों को क्रेच खोलना अनिवार्य होगा. क्रेच में बच्चों के खेलने के सामान और खिलौनों के साथ- साथ पौष्टिक भोजन, नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण, सोने की व्यवस्था, शिक्षा और शारीरिक और सामाजिक-भावनात्मक विकास की सभी व्यवस्थाएं होंगी.
माह में 26 दिन खुलेगा क्रेच
शिशुगृह माह में 26 दिन खुला रहेगा. बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए अभिभावकों और स्टाफ के आईडी कार्ड भी बनाए जाएंगे. शिशुगृह में किसी भी बच्चे को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा. कार्यकर्ता व सहायिका हर समय बच्चों पर नजर रखेंगी. क्रेच में बच्चे को नाश्ता, दोपहर का भोजन और शाम का नाश्ता भी दिया जाएगा. जिसका सारा खर्च सरकार उठाएगी. सफाई एवं स्वच्छता पर हर माह एक हजार रुपये खर्च किये जायेंगे. क्रेच में बच्चों के सोने और दूध पिलाने के कमरे की भी व्यवस्था होगी.
165 क्रेच हुए अपग्रेड
मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहले ही 500 क्रेच खोलने के निर्देश जारी कर चुके हैं. प्रदेश में अब तक 16 जिलों में 165 क्रेच शुरू किये जा चुके हैं. नई नीति के तहत, इन्हें अपग्रेड किया जाएगा. महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मोबाइल क्रेच संस्था के साथ अच्छी गुणवत्ता एवं आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित क्रेच की स्थापना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये हैं.
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