हरियाणा में क्लर्कों के साथ आंदोलन की राह पर चले पटवारी, ये है मांग; पढ़े पूरी जानकारी

चंडीगढ़ | हरियाणा में क्लर्कों की हड़ताल के बीच पटवारियों ने भी आंदोलन की लाइन पकड़ ली है. पटवारी आज से अपने मूल गांव या शहर के कार्य के अलावा अतिरिक्त प्रभार का काम नहीं करेंगे. इसके लिए पटवारी यूनियन ने सरकार को सूचित पत्र भेजा है. इस आंदोलन से प्रदेश के आधे गांवों में राजस्व विभाग के काम प्रभावित होंगे.

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राजस्व पटवारी मूल प्रभार के अतिरिक्त नहीं करेंगे काम

एसोसिएशन के अध्यक्ष जयवीर चहल ने बताया कि प्रदेशस्तरीय बैठक में फैसला लिया गया है कि राजस्व पटवारी 1 अगस्त से मूल प्रभार के अतिरिक्त अन्य आवंटित अतिरिक्त कार्य नहीं संभालेंगे. पटवारियों के 1191 पद खाली हैं. स्वीकृत 2691 पदों के मुकाबले 1530 पटवारी कार्यरत हैं. करनाल, हिसार, सिरसा, जींद, फतेहाबाद सहित कई जिलों में एक पटवारी कई- कई सर्कल संभाले हुए हैं जिसमें 5 से लेकर 14 तक गांव आते हैं. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि पटवारी गिरदावरी, जमाबंदी, 2 बजे तक ऑफिस में जनता के कार्यों के साथ अन्य कार्य कैसे निपटाते हैं.

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प्रदेश में नियमित पटवारियों की आवश्यकता

प्रदेश में तुरंत नियमित पटवारियों की आवश्यकता है. इसके अलावा, पटवारियों में इस बात को लेकर भी रोष है कि 4 जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक की बात को मानकर पटवारियों ने हड़ताल खत्म की थी. इसके बाद, 25 जनवरी 2023 को नोटिफिकेशन जारी करते हुए 32,100 का पे ग्रेड देने की बात कही थी. यह लाभ उन्हें 2016 से देने की सम्मति हुई थी जिसमें पटवारियों ने बकाया वेतन न लेने पर सहमति दर्ज की थी. लेकिन, 2016 से यह वेतन देने से उन्हें पदोन्नति व वेतनवृद्धि में लाभ मिलता. इसके बाद, 9 फरवरी को एक शब्द जोड़कर इसे 24 जनवरी के बाद लाभ देने की बात कही गई. इससे भी पटवारियों में रोष है. अध्यक्ष ने वेतन संबंधी मांग, नियमित भर्ती करने, कानूनगो से नायब तहसीलदार बनने की परीक्षा समय पर आयोजित करने की मांग की है.

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