मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को दी बड़ी राहत, SC ने कही ये बात

नई दिल्ली | मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए राहुल की सजा पर रोक लगा दी है. राहुल गांधी को राहत देते हुए जज ने कहा सत्र न्यायालय में अपील लंबित रहने तक हम राहुल की सजा पर रोक लगा रहे हैं. राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने पर कांग्रेस ने कहा, ये नफरत के खिलाफ प्यार की जीत है. सत्यमेव जयते- जय हिंद.

Rahul Gandhi

राहुल गांधी के मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही थी. राहुल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि शिकायतकर्ता (पूर्णेश) का मूल उपनाम मोदी नहीं है. उनका मूल उपनाम भुटाला है तो फिर ऐसा कैसे हो सकता है. दिक्कत सिर्फ बीजेपी से जुड़े लोगों को हो रही है.

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राहुल को दी गई अधिकतम सजा

कोर्ट में राहुल की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस मामले में मानहानि मामले में अधिकतम सजा दी गई. इसका नतीजा ये होगा कि राहुल गांधी 8 साल तक जन प्रतिनिधि नहीं बन पाएंगे. उन्होंने शीर्ष अदालत को बताया कि उच्च न्यायालय ने 66 दिनों के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया है. राहुल लोकसभा के दो सत्रों में शामिल नहीं हो पाए हैं.

राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

बेंच ने राहुल पर आदेश लिखते हुए कहा, राहुल की अपील सेशन कोर्ट में लंबित है. इसलिए हम इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, जहां तक राहुल की सजा पर रोक की बात है तो ट्रायल कोर्ट ने राहुल को मानहानि की अधिकतम सजा तो सुनाई है. लेकिन, इसकी कोई खास वजह नहीं बताई है.

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2 साल की सजा के कारण राहुल जन प्रतिनिधित्व कानून के दायरे में आ गए अगर सजा कम होती तो उनकी सदस्यता नहीं जाती. इसमें कोई शक नहीं कि राहुल का बयान ठीक नहीं था. सार्वजनिक जीवन में बयान देते समय संयम बरतना चाहिए. ट्रायल कोर्ट के इस फैसले से राहुल के अलावा उनके संसदीय क्षेत्र के लोगों के अधिकार भी प्रभावित हो रहे हैं. इसलिए सेशन कोर्ट में अपील लंबित रहने तक राहुल की सजा पर रोक लगा रहे हैं.

राहुल गांधी को तत्काल राहत

राहुल गांधी को दी गई ये राहत तात्कालिक राहत है. यदि सेशन कोर्ट दो साल की सज़ा सुनाता है तो यह अयोग्यता फिर से लागू हो जाएगी लेकिन, अगर राहुल गांधी को बरी कर देते हैं या सजा घटाकर 2 साल से कम कर देते हैं तो सदस्यता बहाल हो जाएगी.

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क्या इस सत्र में संसद में दिखेंगे राहुल गांधी?

निचली अदालत के फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर बताया था कि वायनाड सीट खाली है. अब इसे वापस लेते हुए नया नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा कि पुराना नोटिफिकेशन वापस लिया जा रहा है. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसमें कितना समय लगेगा. इसमें एक दिन या एक महीना भी लग सकता है.

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