यमुनानगर | हरियाणा की खट्टर सरकार यमुनानगर जिले में हथिनीकुंड बैराज से 4.5 KM पहले एक बांध का निर्माण कराएगी. सरकार ने इस पर तेजी से काम शुरू कर दिया है. इस बांध के बन जाने से यमुना के किनारे बसे डिस्ट्रिक्स को भी बाढ़ से निजात मिलेगी. वहीं, 250 मेगावाट बिजली उत्पादन में मदद भी मिलेगी. सूखे की स्थिति में बांध के पानी से 1.25 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई की जा सकेगी.
हिमाचल सरकार से मांगा NOC
हरियाणा सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कहा कि प्रस्तावित बांध का प्रारंभिक सर्वेक्षण हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के संबंधित क्षेत्रों में पहले ही किया जा चुका है. हरियाणा गवर्नमेंट ने अतिरिक्त सर्वेक्षण के लिए हिमाचल सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) मांगा है. NOC के बाद दोनों राज्यों के बीच इस बांध के निर्माण को लेकर सहमति बन सकती है.
हरियाणा के साथ दिल्ली को भी भुगतना पड़ा नुकसान
पिछले महीने पहाड़ों पर हुई बारिश के कारण यमुना नदी उफान पर आ गई थी. इसका नतीजा न सिर्फ हरियाणा बल्कि दिल्ली को भी भुगतना पड़ा था. इसी को मद्देनजर रखते हुए हरियाणा सरकार करीब 6,000 करोड़ की लागत से बांध बनाने की योजना बनाने जा रही है. इसमें 14 किलोमीटर लंबा जलाशय भी होगा. इसके निर्माण में NH-73 का 11 KM लंबा हिस्सा और 9 गांव इसके दायरे में आ सकते हैं. इनमें हरियाणा के चार और हिमाचल के 5 गांव शामिल हैं.
10.82 क्यूसेक होगी जलाशय की क्षमता
अधिकारियों ने कहा कि जहां बांध बनना है, उस स्थान को चिन्हित कर लिया गया है. इसे करीब 5400 एकड़ जमीन में बनाने की योजना विभाग की ओर से बनाई गई है. अधिकारियों ने कहा है कि पहाड़ों पर पानी अधिक होने पर हथिनी कुंड बैराज के गेट खोल दिए जाते हैं. यदि बांध बनने के बाद ऐसी स्थिति बनती है तो हथिनी कुंड बैराज का पानी इस बांध में लाया जाएगा. इसकी जलाशय क्षमता 10.82 क्यूसेक होगी.
UP- दिल्ली व हरियाणा को होगा फायदा
अधिकारियों का कहना है कि इस बांध के बनने के बाद में सिर्फ हरियाणा बल्कि उत्तर प्रदेश हिमाचल प्रदेश और दिल्ली को भी इससे लाभ होगा. यहां बांध बनने से हरियाणा के साथ- साथ उत्तर प्रदेश और दिल्ली को भी बाढ़ से निजात मिल जाएगी. वहीं, पानी की उपलब्धता से ढाई सौ मेगावाट बिजली का उत्पादन भी बढ़ जाएगा. बांध के जलाशय के पानी से आसपास की नहरों में सिंचाई जल की तीव्रता में भी सुधार होगा.
वहीं, जलाशय के पानी से रबी व खरीफ फसलों की सिंचाई की जा सकेगी. सिंचाई जल का लाभ भी यूपी को मिलेगा. इसके अलावा, बाढ़ रोकथाम कार्यों पर हर साल खर्च होने वाली करोड़ों रुपये की रकम भी बचेगी.
बाढ़ को लेकर दिल्ली और हरियाणा के बीच टकराव
पिछले जुलाई महीने में हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली और हरियाणा सरकार के बीच टकराव हो गया था. दोनों सरकारों के बीच खूब बयानबाजी हुई थी. केजरीवाल सरकार ने आरोप लगाया था कि पड़ोसी राज्य ने हथिनीकुंड से अतिरिक्त पानी छोड़ा है, जिससे बाढ़ का पानी दिल्ली में घुस गया है. वहीं, ITO बैराज के मुद्दे पर भी दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया था. इस मुद्दे पर हरियाणा ने हाल ही में चीफ इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया था.
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