रोहतक | आजादी के आंदोलन के दौरान बापू ने देश में स्कूलों की आधारशिला रखी थी, जिसमें एक स्कूल हरियाणा के रोहतक में और दूसरा महाराष्ट्र के वर्धा जिले में है. ये दोनों विद्यालय आज बड़े संस्थान के रूप में स्थापित हो चुके हैं. वहीं, यहां पर पढ़ने वाले विद्यार्थी भी गांधी जी के जीवन से प्रेरणा ले रहे हैं. आइए आज हम आपको बताते हैं, वह 2 संस्थाएं कौन सी है…
102 साल पहले गांधी ने रखी थी आधारशिला
बता दें कि 16 फरवरी 1921 को महात्मा गांधी बैलगाड़ी में बैठकर रोहतक आए थे. करीब 102 साल हो चुके हैं. उस दौरान उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझते हुए यहां वैश्य विद्यालय की आधारशिला रखी थी. महात्मा गांधी द्वारा स्थापित यह विद्यालय आज एक संस्था का रूप ले चुका है. वर्तमान में वैश्य शिक्षण संस्था के तहत, 13 अलग- अलग स्कूल और कॉलेज चल रहे हैं.
संस्था के बगीचे में बापू की यादें
बापू के सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाने के लिए यहां एक संग्रहालय जैसा उद्यान भी बनाया गया है, जिसमें महात्मा गांधी के जीवनकाल के दौरान किए गए कार्यों को चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है. 1921 में उनके द्वारा स्कूल की नींव रखे जाने की एक खूबसूरत तस्वीर भी बनाई गई है. इसके अलावा, यहां बापू के जीवन से जुड़ी तस्वीरें भी संरक्षित की गई हैं.
बापू की शिक्षाओं का हो पालन
वैश्य स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि आज भी इस संस्थान में महात्मा गांधी के बताये सत्य और अहिंसा के मार्ग का अनुसरण किया जाता है. राष्ट्रपिता ने जिस दृष्टि और विश्वास के साथ इस संस्थान की आधारशिला रखी थी, अनुसरण करने के लिए छात्र सदैव प्रेरित होते हैं.
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