हरियाणा में हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन की तैयारी शुरू, इन नियमों में हो सकता है बदलाव

चंडीगढ़ | हरियाणा में हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन की तैयारी शुरू हो गई है. हरियाणा की खापों ने एक ही गोत्र में लिव-इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन और एक ही गांव में शादी पर आपत्ति जताई है. खापों की मांग को देखते हुए सरकार ने हिंदू विवाह अधिनियम (एचएमए) में संशोधन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.

Shadi marriage vivah

हरियाणा सरकार की ओर से गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने आगे की कार्रवाई के लिए फाइल नागरिक संसाधन सूचना विभाग के मुख्य सचिव को भेज दी है.

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सीएम मनोहर को दिया ज्ञापन

हरियाणा में खाप पंचायतों (जाति परिषदों) ने भाजपा- जेजेपी सरकार से राज्य में समान गोत्र विवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन करने को कहा है. भूमि बचाओ संघर्ष समिति (जिसमें कई खाप और नागरिक शामिल हैं) ने 1 जुलाई को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को एक ज्ञापन में कहा कि राज्य को हिंदू विवाह अधिनियम 1955 में संशोधन करना चाहिए और अंतर- गोत्र और अंतर- ग्राम विवाह पर रोक लगानी चाहिए. जनहित में अवैध घोषित किया जाए.

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इन खापों ने उठाई मांग

भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल और सर्वजातीय कंडेला खाप प्रधान धर्मपाल कंडेला ने मांगों पर कार्रवाई का स्वागत किया है. कंडेला ने कहा है कि समाज में एक ही गोत्र और एक ही गांव में शादी करना सामाजिक मान्यताओं के खिलाफ है. इसलिए उन्होंने राज्य सरकार के सामने यह मांग उठाई है कि खाप पंचायतों की मांग के अनुरूप संशोधन किया जाए.

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नियमों में बदलाव जरूरी

खाप प्रतिनिधियों का कहना है कि समान गोत्र और अंतर- ग्राम विवाह सामाजिक कलंक हैं, जिससे उन बच्चों के माता- पिता को अपमान और मानसिक यातना मिलती है. जिनके लड़के और लड़कियां सामाजिक मानदंडों का उल्लंघन करने वाले वैवाहिक संबंधों में प्रवेश करते हैं. सामाजिक ताने- बाने और खुशहाल पारिवारिक जीवन को बनाए रखने के लिए सामाजिक मानदंडों के अनुसार स्थितियों को समायोजित करने के लिए बदलाव जरूरी है.

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