हरियाणा में OPS लागू करने पर सीएम खट्टर का बड़ा बयान, विधानसभा में कही यह बातें

चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करने की मांग पर केंद्र सरकार की एक समिति की सिफारिशों के आधार पर निर्णय लेने के बाद ही फैसला करेगी. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत, इस मुद्दे पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया है. बता दे सीएम खट्टर ने शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के शुरुआती दिन के दौरान निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही.

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बता दें कि हरियाणा सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी 2006 से एनपीएस को अपनाया था. एनपीएस के संबंध में मूलभूत सिद्धांत वही बने रहेंगे. वर्तमान में राज्य सरकार कर्मचारियों के लिए पेंशन देनदारियों के लिए 14% की दर से अपना मासिक योगदान दे रही है जबकि कर्मचारी योगदान 10% है.

मेडिकल ऑफिसर के भरे 79 फीसदी पद

राज्य में डॉक्टरों की कमी के संबंध में एक अतारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य में 3,903 स्वीकृत पदों के मुकाबले 3,073 सरकारी चिकित्सा अधिकारी हैं. वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों के 636 स्वीकृत पदों में से 381 भरे हुए हैं. इसके अतिरिक्त, 197 स्वीकृत पदों के विरुद्ध राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से 167 चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की गई है.

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किसान कल्याण प्राधिकरण को लेकर दिया यह जवाब

हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण द्वारा अपनी स्थापना के बाद से दी गई सिफारिशों और उनके कार्यान्वयन के संबंध में कांग्रेस सदस्य वरुण चौधरी के एक प्रश्न के उत्तर में कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि प्राधिकरण विशेषज्ञों और कार्य समूहों की एक टास्क फोर्स के गठन के बाद उचित निर्णय लेगा. यह किसान कल्याण नीति तैयार करने के लिए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है.

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दलाल ने कहा कि टास्क फोर्स ने हितधारकों- वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, अधिकारियों, बैंकरों, उद्यमियों, किसानों के साथ बैठकें की हैं. नीति का मसौदा तैयार करने के चरण में है और जल्द ही रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है. मंत्री ने कहा कार्य समूहों ने हितधारकों के साथ विचार- विमर्श किया है.

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