चंडीगढ़ | लंबे समय से एथलेटिक्स में मेडल का सपना देख रहे भारत को रातों- रात चमकता सितारा मिल गया. पूरा देश उनकी सफलता की चकाचौंध में डूब गया और ये सिलसिला बदस्तूर जारी है. अब नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने रविवार को बुडापेस्ट में वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर भारतीयों को गर्व करने का एक और मौका दिया है. बीता हफ्ता भारत के लिए ऐतिहासिक रहा जब चंद्रयान 3 की सफलता के बाद चोपड़ा विश्व चैंपियन बने, फिडे शतरंज विश्व कप में उपविजेता आर प्रागनानंद रहे.
बिंद्रा के बाद दूसरे प्रसिद्ध खिलाड़ी बने
चोपड़ा अब बिंद्रा के बाद एक ही समय में ओलंपिक और विश्व खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं. बिंद्रा ने 23 साल की उम्र में विश्व चैंपियनशिप और 25 साल की उम्र में ओलंपिक स्वर्ण जीता था. अनुभवी निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था. इससे पहले भारतीय हॉकी टीम ने भारत की झोली में आठ गोल्ड डाले थे.
नीरज चोपड़ा का शानदार रहा सफर
नीरज चोपड़ा का भारतीय खेलों के सबसे बड़े सितारों में से एक बनने तक का सफर इतना शानदार रहा है कि वह हर कदम पर एक नई विजय गाथा लिख रहे हैं. दो साल पहले टोक्यो में उन्होंने ओलंपिक ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में भारत की झोली में पहला पीला तमगा डाला था. उस समय वह केवल 23 वर्ष के थे और महान निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाले दूसरे भारतीय बने.
अभी चोपड़ा के पास कई मौके
फिटनेस का स्तर बरकरार रखने पर चोपड़ा अभी कई नए आयाम छू सकते हैं. वह कम से कम दो ओलंपिक और दो विश्व चैंपियनशिप खेल सकते हैं. विश्व जूनियर चैम्पियनशिप 2016 जीतकर पहली बार विश्व स्तर पर चमकने वाले चोपड़ा ने टोक्यो में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेलों के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया था, जिस प्रकार पूरे देश ने उन्हें स्नेह दिया, वह अभूतपूर्व था.
सबसे प्रसिद्ध सेलेब्रिटी बने चोपड़ा
चोपड़ा को टोक्यो के बाद उन्हें अनगिनत पुरस्कार समारोहों में भाग लेना पड़ा, जिससे उनका वजन बढ़ गया और वह इतने सारे कार्यक्रमों के कारण अभ्यास नहीं कर सकते लेकिन फिर उन्होंने इसे दोबारा न दोहराने की कसम खाई. चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक के बाद ऑनलाइन सबसे अधिक खोजी जाने वाली भारतीय सेलिब्रिटी बन गईं. विराट कोहली और रोहित शर्मा से भी ऊपर. उनके दरवाजे पर प्रायोजकों की कतार लगी रहती थी. ट्विटर और इंस्टाग्राम पर उनके फॉलोअर्स बढ़ते ही गए.
बचपन में दोस्त मोटापे का उड़ाते थे मजाक
पिछले साल दिसंबर में वह धावक उसेन बोल्ट को पछाड़कर दुनिया के सबसे ज्यादा लिखित एथलीट बन गए थे. उनके नाम से 812 लेख प्रकाशित हो चुके हैं. बचपन में उनके दोस्त नीरज के मोटापे का मजाक उड़ाते थे. टोक्यो ओलंपिक के बाद से प्रदर्शन में निरंतरता उनकी सफलता की कुंजी रही है. पिछले दो सालों में उन्होंने हर टूर्नामेंट में 86 मीटर से ऊपर थ्रो फेंका है. पिछले साल जून में स्टॉकहोम डायमंड लीग में उन्होंने 89. 94 मीटर का थ्रो फेंककर दूसरा स्थान हासिल किया था.
चोपड़ा भले ही बिंद्रा जितने वाक्पटु न हों, लेकिन अपनी विनम्रता से वह सभी को मंत्रमुग्ध कर देते हैं. देश- विदेश में सेल्फी या ऑटोग्राफ मांगने वालों को कभी निराश नहीं करता. वह दिल से बोलते हैं और उन्हें हिंदी भाषी होने में कोई झिझक नहीं है. बचपन में बहुत शरारती चोपड़ा संयुक्त परिवार में पले- बढ़े और लाड़-प्यार के कारण उनका वजन बढ़ गया. परिवार के कहने पर उन्होंने वजन कम करने के लिए खेलना शुरू किया. उनके चाचा उन्हें पानीपत के शिवाजी स्टेडियम ले जाते थे. उसे दौड़ने में मजा नहीं आता लेकिन उसे भाला फेंक से प्यार हो गया.
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