चंडीगढ़ | हरियाणा कांग्रेस में टकराव व कलह समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है. हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल के प्रदेश में लगातार दौरों व प्रयासों के बावजूद भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा के बीच खींचातानी कम नहीं हो रही. कांग्रेस की सोशल मीडिया विंग को सक्रिय करने विवेक बंसल चंडीगढ़ पहुंचे.
कृषि कानूनों को लेकर हुड्डा और शैलजा गुट आए आमने-सामने
बता दें कि पिछले 5 महीनों के दौरान कांग्रेस दिग्गजों की गुटबाजी काफी हद तक कम होने का दावा किया गया है. तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदेश भर में होने वाले आंदोलनों को लेकर हुड्डा और शैलजा गुट आमने-सामने हैं. हुड्डा अपने अंदाज में आंदोलन का संचालन कर रहे हैं. वही सैलजा का अपना ही स्टाइल है. हरियाणा कांग्रेस ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में राज्य भर में आंदोलन चलाने का निर्णय लिया है. इसके लिए जिले में पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं. बता दें कि कुमारी शैलजा की ओर से जितने भी पर्यवेक्षक बनाये गए है, उनमें से कोई भी हुड्डा का समर्थक नहीं है.
कांग्रेस पूर्व विधायक दलो के नेता की अलग राजनीतिक
बता दें कि कांग्रेस के 30 विधायक हैं जिसमें से 25 अकेले हुड्डा की तरफ एक दूसरे का हाथ पकड़े खड़े हैं. कांग्रेस विधायक दल के पूर्व नेता किरण चौधरी, पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह, उनके विधायक बेटे चिरंजीव राव तथा आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई, इनकी अपनी अलग ही राजनीति है.
कांग्रेस पर्यवेक्षको की नियुक्ति में जिस तरह हुड्डा खेमे के नेताओं की अनदेखी हुई है. उससे यह सवाल खड़ा होना लाजमी है, कि जिला स्तर पर होने वाले आंदोलन कितने प्रभावी साबित हो पाएंगे. वही तस्वीर का दूसरा पहलू भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. शैलजा ने भी प्रदेश भर में 3 से 5 फरवरी तक ब्लॉक स्तरीय धरने का आयोजन करने का ऐलान किया था. इस धरने में हुड़्डा के समर्थक चंडीगढ़ में जमे रहे.
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