रक्षाबंधन स्पेशल: राखी बांधने के साथ- साथ उतारने का भी होता है शुभ मुहूर्त, इस समय पर उतारे रक्षा धागा

ज्योतिष | आज देश में बड़ी धूमधाम से रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा रहा है. बता दें कि अबकी बार देश में दो दिन यह त्यौहार काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है. देश में कुछ स्थानों पर कल रक्षाबंधन का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया गया, वहीं इसके विपरीत कुछ शहरों में आज बड़ी धूमधाम से रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा रहा है.

Raksha Bandhan Rakhi

रक्षाबंधन के त्यौहार को भाई- बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बनती है और भाई भी उन्हें रक्षा करने का वचन देते हैं.

राखी बांधने के साथ-साथ उतारने का भी होता है शुभ मुहूर्त

इस दिन बहनों की तरफ से दाहिने हाथ में शुभ मुहूर्त पर अपने भाई को रक्षा सूत्र बांधा जाता है. क्या आपको पता है कि राखी बांधने के साथ- साथ राखी उतारने का भी शुभ मुहूर्त होता है. यदि नहीं, तो आज की यह खबर आपके लिए है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी काम को शुभ अवसर पर किया जाना काफी अच्छा माना जाता है.

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इस दौरान हमें शुभ मुहूर्त और दिशा के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. रक्षाबंधन (Rakshabandhan) के त्यौहार के दिन राखी बांधते समय शुभ मुहूर्त और सही दिशा को ध्यान में रखना भी बेहद जरूरी होता है. इसके साथ- साथ राखी उतरते समय भी हमें शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

इस दिशा में करके उतारे राखी का धागा

रक्षाबंधन के दिन बांधी गई राखी को हमेशा ही हमें शुभ मुहूर्त में उतारना चाहिए. बता दे की राखी को कुछ दिनों तक कलाई पर रखना बेहद ही जरूरी माना जाता है. यदि हम ज्यादा दिनों तक राखी को अपनी कलाई पर रखते हैं तो वह अशुद्ध हो जाती है, जिसका नकारात्मक प्रभाव भी हमारे जीवन पर दिखाई देता है. अगले महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन राखी उतारने का शुभ मुहूर्त बन रहा है.

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अगर आप ज्यादा समय तक अपनी कलाई पर राखी बांधना नहीं चाहते, तो आप कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भी अपनी कलाई से राखी को उतार सकते हैं. रक्षाबंधन त्यौहार के दिन राखी बांधते समय दिशा का भी ध्यान रखना बेहद ही जरूरी होता है. जब भी बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधे, तो हमेशा उत्तर- पूर्व दिशा में ही उनका मुख होना चाहिए. इसे काफी अच्छा माना जाता है. वहीं, जब राखी उतारते हैं तो बहनों का मुख पश्चिम दिशा में होना चाहिए.

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डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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