चंडीगढ़ | हरियाणा में मानसून के ठहराव ने आमजन के साथ किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ा दी है, जहां जून और खासकर जुलाई महीने में प्रदेश में मानसून खूब मेहरबान रहा था तो वहीं, अगस्त में मानसून की गतिविधियों पर एकदम से ब्रेक लग गया. पूरे अगस्त महीने में लोग बारिश के इंतजार में आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे रहे लेकिन बरसात ना के बराबर हुई.
बरसात नहीं होने से जहां लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं, फसल उत्पादन पर भी इसका प्रभाव देखने को मिला है. कई जिले ऐसे रहें जहां मानसून एक्टिव रहा लेकिन बारिश सामान्य से भी कम हुई है. इन जिलों में गर्मी का सितम लोगों को परेशान कर रहा है तो वहीं अच्छी बारिश के इंतजार में बैठे किसानों के चेहरों पर भी मायूसी छाई हुई है.
फिर परिवर्तनशील होगा मौसम
वैसे तो हरियाणा और दिल्ली- NCR में मानसून अपने आखिरी चरण में पहुंच चुका है लेकिन मौसम विभाग ने एक बार फिर से मौसम में बदलाव की संभावना व्यक्त की है. मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से प्रदेश में 10 दिनों के अंदर कई जिलों में हल्की बारिश की संभावना है.
चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र होगा विकसित
मौसम एजेंसी स्काइमेट का कहना है कि मानसून ट्रफ हिमालय की तलहटी के करीब चल रहा है. चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वोत्तर और पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के आसपास के हिस्सों में बना हुआ है, जिससे मध्य- क्षोभमंडल स्तर तक फैल गया है. इस मौसम प्रणाली से अब 3 सिंतबर से उत्तर- पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में एक ताजा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो सकता है. जिसकी वजह से करीब 48 घंटे के अंदर कम दवाब का क्षेत्र विकसित होने की संभावना नजर आ रही है.
वहीं, बारिश की गतिविधियों पर रोक लगने से हरियाणा में दिन व रात का तापमान सामान्य से ऊपर बना हुआ है लेकिन बीच- बीच में पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने से हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है. रविवार यानि आज सक्रिय हुआ कमजोर पश्चिमी विक्षोभ भी आगे बढ़ने की संभावना है.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!