यमुनानगर | मेरी देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती. यह गाना तो आपने सुना ही होगा. आज जो हम आपको बताने जा रहे हैं वह इसी गाने पर आधारित है. हिंदी फिल्म का ये गाना हरियाणा के यमुनानगर जिले पर बिल्कुल फिट बैठ रहा है. जी हां, हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों की गोद से निकलकर सदियों से चली आ रही नदियां सोना उगलती हैं. हरियाणा के उत्तरी छोर पर स्थित यमुनानगर जिला राज्य का सबसे हरा- भरा और ठंडा क्षेत्र माना जाता है.
सरकार जारी करती है टेंडर
बता दें कि सोना यमुनानगर जिले से बहने वाली पथराला और सोम नदियों से आता है, जहां सैकड़ों लोग इन नदियों से सोना निकालकर सरकार को राजस्व पहुंचाते हैं. वहीं, इससे अपने परिवार का भरण- पोषण भी कर रहे हैं. सरकार हर साल इन नदियों से सोना निकालने के लिए टेंडर भी जारी करती है, जिससे सरकार को राजस्व भी मिलता है.
सोना निकालने वालों ने कहीं ये बात
मानकपुर गांव के लोग पिछली कई पीढ़ियों से नदियों से सोना निकालने का काम करते आ रहे हैं. नदी के किनारे जरनैल सिंह नाम का शख्स लकड़ी के जाल और एक अनोखे औज़ार की मदद से नदी की मिट्टी से सोने के कण छानने काम करता है. जरनैल सिंह ने बताया कि पूरे दिन काम करने के बाद उन्हें कभी 500 रुपये तो कभी 1,000 रुपये का सोना मिल जाता है. ऋषिपाल ने बताया कि ये काम आसान नहीं है. सोना गहरे लाल रंग के कणों के आकार का होता है जिसे केवल पारखी नजरें ही पहचान सकती हैं. कई बार तो उन्हें खाली हाथ घर लौटना पड़ता है.
पारखी नजर ही पहचान सकती है सोना
आपकी जानकारी के लिए बता दिया जाए कि ये बरसाती नदियाँ हैं और जब पहाड़ों पर भारी बारिश होती है तो इन दोनों नदियों का पानी बहकर यमुना में मिल जाता है. यह किसी चमत्कार से कम नहीं है कि ये नदियाँ अपने साथ सोने के बारीक कण भी लेकर आती हैं. इन नदियों में बहने वाले सोने के बारीक कण मिट्टी में इस कदर मिल जाते हैं कि उन्हें पहचानने के लिए विशेषज्ञ आंख की जरूरत पड़ती है.
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