चंडीगढ़ | हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र कल शुरू हुआ जो केवल एक दिन के लिए चला. चूंकि सीएम, डिप्टी स्पीकर व अन्य कई विधानसभा सदस्यों के कोरोना संक्रमित होने की वजह से सत्र को स्थगित करना पड़ा. प्रदेश विधानसभा के इतिहास में ऐसा केवल दूसरी बार हुआ जब मुख्यमंत्री व स्पीकर की गैरहाजिरी में सदन की कार्यवाही एक दिन चली. यह स्थगन कोरोना संक्रमण के चलते हुआ. हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र 2 बजे शुरू हुआ जो शाम 4.50 पर अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.
बिजनेस एडवाईजरी कमेटी में हुआ फैसला
सुबह 11 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की हुई बैठक में सदन को केवल एक दिन चलाने पर सहमति बनी. इस बैठक में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, अनिल विज, शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर तथा भूपेंद्र सिंह हुड्डा मौजूद थे.
क्यों भड़के अभय चौटाला?
हरियाणा विधानसभा में एक दिन के सत्र के दौरान कॉलिंग एटेंशन पर डिबेट न होने से अभय चौटाला भड़क गए. उन्होंने कहा कि जब सदन में चर्चा होनी ही नहीं थी तो उन्हें 300 मील दुर से क्यों बुलाया गया. उन्होंने कहा कि बिजनेस एडवाईजरी कमेटी की बैठक में इससे पहले एक नेता प्रतिपक्ष, निर्दलीय विधायक, सत्तापक्ष व अन्य पार्टी के लोग जाते थे पर इस सरकार ने एक नेता प्रतिपक्ष और सत्ता पक्ष को रखकर यह परंपरा खत्म की है. जो सदन को अपने हिसाब से चलाने की पक्षधर है, जो सरासर गलत है.
अभय चौटाला ने कहा कि सदन में मैंने 12 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (कालिंग एटेंशन) दिए थे. जिनमें दो मंजूर किए गए और जो मंजूर किए, उनमें दिए गए जवाबों से मैं संतुष्ट नहीं हूं. इसलिए मुझे उसमें सवाल पूछने व चर्चा करने का अधिकार है. उनके इस सवाल पर डिप्टी स्पीकर ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो अभय चौटाला बोले कि संसद का सदन भी 15 दिन चलेगा तो यहां क्या दिक्कत है. जबकि सारे विधायक कोरोना टेस्ट करवाकर आये हैं. इस पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने उन्हें औरों के सवालों की महत्ता का हवाला देते हुए रोका.
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