हरियाणा को मिला पहला दुर्गा शक्ति वाहिनी का बैच, 608 फीमेल कॉस्टेबल में MBA से लेकर PhD तक शिक्षित

चंडीगढ़ | हरियाणा में महिलाओं की सुरक्षा मजबूत करने की दिशा में सरकार ने एक और कदम उठाया है. राज्य को पहला दुर्गा शक्ति प्रथम वाहिनी का बैच मिल गया. इस बैच में 608 सशस्त्र पुलिस बल का दल शामिल है. सबसे अहम बात यह है कि इस बैच में PhD, MBA, बीटेक- एमटेक, मैनेजमेंट व अन्य शैक्षणिक योग्यता रखने वाली प्रशिक्षु महिलाएं शामिल हैं.

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पासिग आउट परेड की सलामी के बाद हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने बताया कि साल 2015 से 2022 तक प्रदेश में पुलिस बल को मजबूत करते हुए 21 हजार 437 महिला एवं पुरुष कांस्टेबल की भर्ती की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि सूबे में महिलाओं की सुरक्षा मजबूत करने की दिशा में ये अहम साबित होगा.

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हिसार की बेटी पहले नंबर पर रही

पुलिस प्रशिक्षण में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली फीमेल कांस्टेबल निशा (हिसार) को पहले, रितू (भिवानी) को दूसरे, कोमल (करनाल) को तीसरे व अंजलि (रोहतक) को बेस्ट इन कमांड के लिए प्रशस्ति पत्र दिया गया.

एडीजीपी ममता सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम वाहिनी दुर्गा शक्ति सशस्त्र बटालियन की प्रशिक्षुओं को पुलिस से जुड़े कार्यों के साथ साइबर व अन्य उपयोगी विषयों का भी प्रशिक्षण दिया है. दीक्षांत समारोह में पुलिस महानिदेशक ने पासिंग आऊट परेड का निरीक्षण किया और मार्च पास्ट की सलामी भी ली.

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हरियाणा देश का पहला राज्य 

डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि पूरे भारतवर्ष में हरियाणा ऐसा पहला राज्य है जिसमें महिलाओं की सहायता के लिए 12 जुलाई 2018 में दुर्गा शक्ति ऐप की विधिवत शुरुआत की गई थी. इसमें केवल अलर्ट का एक बटन दबाते ही संकट के समय में महिलाओं को तुरंत पुलिस सहायता मिलती है. अब इस ऐप को Dial 112 से जोड़ दिया गया है.

इसी तरह इमरजेंसी Dial 112 सेवा का विस्तार से जिक्र करते हुए डीजीपी ने कहा कि सीएम मनोहर लाल द्वारा 12 जुलाई 2021 को नागरिकों को यह सेवा समर्पित की गई थी. जिसमें पुलिस, अग्निशमन, स्वास्थ्य व वन विभाग आदि सेवाएं एक ही पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में साल 2015 से लेकर आज तक 33 महिला पुलिस स्टेशन, महिलाओं की सहायता में सदैव तत्पर 200 महिला हेल्प डेस्क कार्यरत है, जिससे महिला सुरक्षा व्यवस्था को मजबूती मिली है.

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डीजीपी ने दी बधाई

हरियाणा डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि पुलिस की नौकरी व्यवसाय न होकर एक सेवा है और सभी महिला प्रशिक्षुओं के अभिभावकों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं जिन्होंने अपनी बेटियों को पुलिस सेवा के लिये प्रेरित किया. सभी महिला प्रशिक्षु भी विशेष स्नेह व बधाई की पात्र है, जिन्होंने अत्यन्त चुनौतीपूर्ण पुलिस सेवा को अपने जीवनयापन जनसेवा का जरिया बनाया है.

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