यमुनानगर | हरियाणा में जंगल सफारी का लुत्फ उठाने के इच्छुक सैलानियों के लिए एक अच्छी खबर है. सैलानियों के लिए यमुनानगर स्थित कलेसर जंगल को सफारी के लिए दोबारा से खोलने पर सरकार विचार कर रही हैं और बकायदा इस मामले में वन विभाग से भी बातचीत की जा रही है.
हिमालय की शिवालिक पर्वत मालाओं की तलहटी में स्थित
यह कलेसर नेशनल पार्क हिमालय की शिवालिक पर्वत मालाओं की तलहटी में स्थित है. बता दें कोरोना महामारी की वजह से कलेसर नेशनल पार्क व वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था. तब से यहां की सफारी पर भी रोक लगी हुई है. ऐसा इसलिए किया गया था कि यहां आने वाले सैलानियों की वजह से वन्य प्राणी कोरोनावायरस से संक्रमित न हो जाए.
तीन राज्यों से लगी हुई हैं इसकी सीमाएं
कलेसर नेशनल पार्क बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है. इसकी सीमा तीन राज्यों हिमाचल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से लगी हुई है. यहां बने कलेसर मठ (शिव) मंदिर के नाम पर इस पार्क का नामकरण हुआ है. पार्क को 8 दिसंबर 2003 को 11,570 एकड़ क्षेत्र में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था.
ये पक्षी देखने को मिलते हैं कलेसर जंगल में
यमुनानगर के खंड प्रतापगर स्थित कलेसर जंगल में घूमने से प्रकृति की मनमोहक खूबसूरती का दीदार तो होता ही है. साथ ही, जंगल में दुर्लभ प्राणी भी देखने को मिलते हैं. इस जंगल सफारी में तेंदुए, सांबर, बिल्ली, चित्तल, नीलगाय, भालू, जंगली धब्बेदार बिल्ली, हाथी, लंगूर, बंदर, जंगली मुर्गे जैसे अन्य जानवरों की प्रजातियां हैं.
जंगली सुअर और मोंगोज भी यहां पाए जाते हैं. राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से भी कई बार बाघ और हाथी इस क्षेत्र में आ जाते हैं. बता दें जब यहां सफारी होती थी तब यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी सैलानी घूमने के लिए आते थे.
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