नूंह | हरियाणा में अगेती बाजरे की फसल की कटाई और कढ़ाई शुरू हो चुकी है और कई जगहों पर किसान मंडियों में बाजरे की फसल लेकर पहुंच रहे हैं. नूंह जिले की सबसे बड़ी मंडी पुनहाना में बाजरे की आवक जोर पकड़ चुकी है. यहां जिले में सबसे ज्यादा बाजरा पुनहाना और तावडू की अनाज मंडी में ही आता है.
बाजरे की बंपर पैदावार
मंडी में फसल बिक्री के लिए पहुंचे किसानों का कहना है कि इस बार बाजरे की बंपर पैदावार हुई है. हालांकि, बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) केंद्र सरकार द्वारा 2,500 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है लेकिन पुनहाना मंडी में प्राइवेट आढ़ती 2,000 रूपए प्रति क्विंटल खरीद कर रहे हैं.
हालांकि, अभी तक सरकार ने बाजरे की सरकारी खरीद के आदेश जारी नहीं किए हैं जिससे किसानों को प्रति क्विंटल 500 रूपए तक नुकसान झेलना पड़ रहा है. वहीं, 2 हजार रूपए प्रति क्विंटल भाव मिलने पर भी किसान खुशी व्यक्त कर रहे हैं क्योंकि प्रति एकड़ बाजरे की पैदावार अधिक हुई है.
किसानों का कहना है कि कुल मिलाकर आढ़ती जो भाव दे रहे हैं वो ठीक है. पैदावार अच्छी हुई तो कम भाव से भी अच्छी आमदनी हो रही है. वहीं मंडी में बुनियादी सुविधाओं को लेकर किसानों का कहना है कि मंडी प्रबंधन द्वारा बढ़िया इंतजाम किए गए हैं. पीने के पानी से लेकर साफ- सफाई तक सब व्यवस्था अच्छी नजर आ रही है.
G-20 सम्मलेन में मोटे अनाज को प्रमोट
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा सरकार मोटे अनाज की खरीद व खानपान पर विशेष फोकस कर रही है. दिल्ली में हुए G- 20 शिखर सम्मेलन में विदेशी मेहमानों को बाजरे की रोटी और खिचड़ी आदि व्यंजन परोसे गए थे. इसके अलावा, सरकार ने मोटे अनाज को सरकारी राशन की दुकानों पर भी देने का फैसला लिया है जोकि किसानों के लिए अच्छी खबर है. किसानों को उम्मीद है कि सरकार जल्द ही बाजरे की सरकारी खरीद शुरू करेगी.
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