चंडीगढ़ | हरियाणा के किसानों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है. हरियाणा सरकार द्वारा किसानों की फसलों का बीमा करने की दिशा में बड़ा फैसला लिया गया है. किसानों द्वारा प्रीमियम राशि का भुगतान करने के बाद कंपनी ने क्लस्टर 2 के अंतर्गत आने वाले जिलों में फसलों का बीमा करने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद, अब सरकार ने फैसला लिया है कि अगर बीमा कंपनी किसानों की फसलों का बीमा नहीं कर रही है, तो वह इसे अपने स्तर पर करेगी.
इन जिलों को मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत, अब हरियाणा सरकार राज्य के 7 जिलों के किसानों की फसलों का बीमा करने जा रही है. इस संबंध में जल्द ही निर्देश जारी किये जायेंगे. अंबाला, जींद, गुरुग्राम और महेंद्रगढ़ सोनीपत, करनाल, हिसार, जिलों में सरकार खुद किसानों की फसलों का बीमा करेगी. ऐसे में इन जिलों के किसानों ने भी राहत की सास ली है. साथ ही, सरकार के फैसले को लेकर खुशी भी जारी की है.
विरोध के बाद सरकार ने लिया फैसला
बता दें कि जब विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू किया तो सरकार ने किसानों का बीमा करने का फैसला किया. किसानों द्वारा बीमा कंपनी से अपनी फसल का बीमा न कराने का एक कारण कंपनी को होने वाला नुकसान भी है. दूसरे कई क्लेम केस संबंधित जिलों की अदालतों में चल रहे हैं.
मामले को लेकर जब विवाद बढ़ने लगा तो कृषि कल्याण विभाग ने राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी को पत्र लिखकर किसानों को प्रीमियम राशि लौटाने का आदेश दिया. फैसले के बाद बैंक का पैसा तो लौटा दिया जाएगा लेकिन फसल की जिम्मेदारी किसी की नहीं होगी, तो अब जब फैसला हो गया है तो किसानों को प्रीमियम की रकम वापस नहीं की जाएगी बल्कि अब राज्य सरकार इसी प्रीमियम पर किसानों की फसलों का बीमा करेगी.
जिलों को 3 क्लस्टर में बांटा
बीमा योजना के तहत किसानों को उनकी खरीफ फसल के लिए अलग से प्रीमियम का भुगतान किया जाता है. इसके लिए सरकार ने राज्य के सभी जिलों को तीन क्लस्टर में बांटा है. क्लस्टर- 2 का काम भी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी के पास था. किसानों से विवाद बढ़ता देख कंपनी ने फसल का बीमा करने से इनकार कर दिया जबकि जुलाई तक 2 लाख किसानों से प्रीमियम राशि भी काट ली गई थी. विवाद बढ़ने के बाद फैसला सरकार द्वारा लिया गया.
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