चंडीगढ़ | हरियाणा की हाई पावर परचेज कमेटी की मासिक बैठक हुई. इस दौरान बिजली समेत कई विभागों की खरीद को मंजूरी दी गई. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की. इस बैठक में कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा और बनवारी लाल मौजूद रहे. बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि 6 नये पोर्टल लॉन्च किये गये.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना पोर्टल, दयालु योजना, प्रो एक्टिव ओबीसी, नए ई- भूमि पोर्टल, सभी के लिए आवास विभाग, नए नो लिटिगेशन पॉलिसी पोर्टल का उद्घाटन किया. सीएम ने कहा कि पोर्टल को सरकार की मान्यता मिलने से मुझे खुशी है लेकिन हम लोगों की सुविधा के लिए नए पोर्टल लाते रहेंगे.
पीपीपी से जुड़ी 357 योजनाएं
हरियाणा के सीएम ने कहा कि हरियाणा में 357 योजनाओं को पीपीपी से जोड़ा गया है. इसके साथ ही, परिवार पहचान पत्र को लेकर आ रही दिक्कतों को भी दूर किया जा रहा है. उम्मीद है कि सभी समस्याएं जल्द ही सुलझ जाएंगी.
पिछले दिनों हमारे विपक्षी मित्रों ने एक खबर उठाई थी कि प्रॉपर्टी आई.डी. के पोर्टल के अंदर से कुछ नक्शे गायब हो गए हैं. पोर्टल में एक छोटा सा बग था, जिसे सुधार लिया गया है जो कुछ भी पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं हो रहा था उसे पुनः प्राप्त कर सही कर लिया गया है. यह तीन विभागों का पोर्टल है. हर प्रकार का डेटा हमारे पास सुरक्षित है.
1 लाख लोगों को मिलेगा आवास
सरकार ने एक लाख गरीब परिवारों को घर देने की योजना बनायी है. एचएसवीपी द्वारा आवासीय कॉलोनियां बनाई जाएंगी, जिसका लाभ 1 लाख लोगों को मिलेगा. नए पोर्टल के जरिए लोगों से आवेदन मांगे गए है. पोर्टल के माध्यम से लोगों को मुख्यमंत्री शहरी योजना की विस्तृत जानकारी मिलेगी.
मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत, 1 लाख परिवारों को प्लॉट और फ्लैट दिए जाएंगे. यह लाभ केवल उन्हीं लाभार्थियों को मिलेगा जिनकी आय 1.80 लाख रुपये से कम है. फ्लैट पंचकुला, गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत में दिए जाएंगे. लोगों की मांग प्राप्त करने के लिए एक पोर्टल शुरू किया गया है.
नो लिटिगेशन पॉलिसी इस वजह से की शुरू
दूसरे पोर्टल नो लिटिगेशन पॉलिसी को लॉन्च करते हुए सीएम ने कहा कि सरकार ने विवादों को देखते हुए इसे शुरू किया है. पुरस्कार के तहत जो राशि होगी वह दी जायेगी. इसके अलावा, विकसित शहरी आवासीय क्षेत्र में प्लॉट दिया जाएगा. इसमें एक खास बात यह है कि लाभार्थी इस भूखंड को बेच भी सकेंगे. प्रति एकड़ 2 करोड़ 70 लाख रुपये की राशि मिलेगी. आवासीय भूखंड का आकार 100 वर्ग मीटर या 150 वर्ग मीटर होगा. 33 साल तक 21 हजार रुपये प्रति एकड़ वार्षिक भुगतान दिया जाएगा. साथ ही, सरकार ऐसे लोगों को एक सर्टिफिकेट भी देगी. उसके जरिए व्यक्ति प्लॉट का ट्रांसफर कर सकेगा.
Live: मुख्यमंत्री श्री @mlkhattar चंडीगढ़ में प्रेस को संबोधित करते हुए…https://t.co/8tIvG9gMWa
— CMO Haryana (@cmohry) September 13, 2023
75 लाख LPG के मुफ्त कनेक्शन और मिलेंगे
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि बैठक में फैसला लिया गया कि 75 लाख LPG के मुफ्त कनेक्शन और दिए जाएंगे. अगले 3 वर्षों में ये LPG कनेक्शन उज्ज्वला योजना के अंतर्गत महिलाओं को मिलेंगे. ई- कोर्ट मिशन मोड प्रोजेक्ट के फेज- 3 को आज मंजूरी मिली है. इसे लगभग 7,210 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया जाएगा.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रेस वार्ता की मुख्य बातें
जिन किसानों की धान की फसल बाढ़ के कारण बर्बाद हो गई है, वे अगर दोबारा धान लगाते हैं तो उन्हें 7000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आज से मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना शुरू की जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना से प्रेरणा लेते हुए हमने संकल्प लिया कि हर परिवार के पास अपना घर हो.
इस पोर्टल पर वे सभी गरीब परिवार जिनके पास घर नहीं है और वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है, घर के लिए आवेदन कर सकेंगे. इस योजना के तहत पंचकूला, गुरुग्राम, सोनीपत और फरीदाबाद में फ्लैट बनाए जाएंगे, बाकी शहरों में प्लॉट और फ्लैट दोनों विकल्प उपलब्ध होंगे.
इस योजना के तहत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा आवासीय कॉलोनियों का निर्माण किया जाएगा. 7 जुलाई, 2023 को कैबिनेट की बैठक में उन भूमि मालिकों के लिए नो-लिटिगेशन पॉलिसी-2023 पर निर्णय लिया गया जिनकी जमीन आईएमटी के गांव कासन, कुकरौला और सहरावां में है मानेसर के विस्तार के लिए अधिग्रहण किया गया.
सीएम ने कहा कि हमने यह नीति इसलिए बनाई है ताकि भूमि मालिकों की स्वैच्छिक भागीदारी से तेजी से विकास हो सके. इस नीति में शर्त यह है कि 16 अगस्त, 2022 को घोषित पुरस्कार के अनुसार मुआवजा स्वीकार करने के बाद भूमि मालिक अपनी जमीन की खरीद को चुनौती नहीं देंगे.
घोषित मुआवजा राशि में बढ़ोतरी की मांग नहीं करेंगे और इस ज़मीन से संबंधित किसी भी अदालत में लंबित सभी मामले वापस ले लेंगे. विकसित आवासीय या विकसित औद्योगिक भूखंड प्रत्येक एक एकड़ भूमि के लिए 1,000 वर्ग मीटर के आनुपातिक आधार पर दिया जाएगा. आवंटन की दर प्रथम उत्प्लावन के समय निर्धारित आरक्षित मूल्य के बराबर होगी. योजना बंद होने के तीन महीने की अवधि के भीतर ‘भूमि पात्रता प्रमाणपत्र’ जारी किया जाएगा.
दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना सहायक
बजट में ‘दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना’ नाम से एक नई योजना शुरू करने की घोषणा की गई. कहा कि आज हमने इस योजना के 563 लाभार्थियों के बैंक खातों में 21 करोड़ 38 लाख रुपये की राशि हस्तांतरित की. योजना के तहत विभिन्न स्लैब बनाकर लाभार्थी परिवारों को सहायता प्रदान की जाती है.
परिवार पहचान पत्र के डाटा का उपयोग कर ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने का कार्य प्रारंभ है. अब सिटीजन सरल पोर्टल पर जाकर पीपीपी पोर्टल पर मौजूद आपके डेटा के आधार पर पात्र पाए जाने पर आप घर बैठे ही अपना ओबीसी सर्टिफिकेट ऑनलाइन डाउनलोड कर सकेंगे. परिवार पहचान पत्र के पीछे हमारा उद्देश्य लोगों को फेसलेस और पेपरलेस सेवाएं प्रदान करना है.
पीपीपी का मिला लाभ
हमने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा और घर बैठे पेंशन पहुंचाने का काम किया. अब तक करीब 1 लाख 7 हजार वृद्धों और 13 हजार दिव्यांगों को घर बैठे पेंशन दी जा चुकी है. पीपीपी की मदद से हम 16 साल बाद एक क्लिक से राज्य के 35 लाख बीपीएल को मदद कर सकते हैं. राशन कार्ड बनाने में सफलता, इनमें से 18 लाख नये बी.पी.एल. राशन कार्ड बन गया. पीपीपी के माध्यम से ही प्रदेश में 56 लाख 46 हजार चिरायु कार्ड बनाये गये, इन्हें मिलाकर आयुष्मान-चिरायु कार्ड की संख्या 86 लाख हो गयी. अब तक 397 योजनाओं और सेवाओं को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा जा चुका है.
किसान स्वतंत्र रूप से या सूचीबद्ध एग्रीगेटर्स के माध्यम से अपनी जमीन की पेशकश कर सकते हैं. एग्रीगेटर्स द्वारा किए गए स्वैच्छिक प्रस्तावों के लिए न्यूनतम 10 एकड़ की पेशकश अनिवार्य कर दी गई
प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई के लिए डेटा का सत्यापन किया जा रहा है. जी-20 के संगठन और इसकी घोषणा से देश की प्रतिष्ठा बढ़ी.
प्रदेश में अवैध खनन रूका
प्रदेश में अवैध खनन रोकने के लिए चलाए जा रहे ई-रावण पोर्टल के स्थान पर एचएमजीआईएस स्थापित किया गया है. पोर्टल आज से शुरू हो गया है. ई-रावण पोर्टल में नई सुविधाओं के साथ हरियाणा खान एवं भूविज्ञान सूचना प्रणाली विकसित करने का निर्णय लिया गया. इसमें OTP आधारित लॉगिन – हर बार जब उपयोगकर्ता इस पोर्टल पर OTP के माध्यम से लॉगिन करता है. इसे प्रमाणित किया जाता है और मालिक को एसएमएस के माध्यम से भेजा जाता है.
ई-भूमि पोर्टल का मिला लाभ
सीएम ने कहा कि फरवरी 2017 में ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से विकास परियोजनाओं के लिए सरकार द्वारा भूमि की स्वैच्छिक खरीद की नीति पेश की, जिसमें 2018, 2019 में एक बार और 2020 में दो बार संशोधन किया गया. बाद में यह महसूस किया गया कि एक समेकित नीति अधिसूचना जारी करने की आवश्यकता है. इसमें एजेंसी, यानी भूमि अभिलेख निदेशालय ने एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से एग्रीगेटर्स के पैनलिंग की प्रक्रिया का प्रस्ताव दिया है.
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