चंडीगढ़ | देशभर में अगली साल लोकसभा चुनाव का बिगुल बजेगा और इसको लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी- अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं. वहीं, बात हरियाणा की करें तो इस बार कई राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं. किसी पार्टी की मझधार में फंसी नैया पार लग सकती है तो किसी पार्टी का मजबूत राजनीतिक सिंहासन हिचकोले खा सकता है. फिलहाल, हरियाणा की राजनीति (Haryana Politics) की अगली रूप- रेखा तय करने में 25 सितंबर का दिन अहम साबित होने जा रहा है.
25 सितंबर को क्या है खास
बता दें कि 25 सितंबर को पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की जयंती है. इस दिन इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी (INLD) उनकी जयंती पर कैथल में विशाल सम्मान दिवस महारैली का आयोजन करेगी. कैथल में आयोजित होने वाले इस समारोह के लिए I.N.D.I.A गठबंधन के कई बड़े नेताओं को न्योता भेजा गया है.
इस महारैली के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी और माकपा नेता सीताराम येचुरी को निमंत्रण दिया गया है.
इसके अलावा, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता शरद पवार का नाम भी शामिल है. हालांकि, अभी INLD इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है लेकिन जब 25 सितंबर को ये तमाम बड़े नेता चौधरी देवीलाल के सम्मान दिवस समारोह में शिरकत करने पहुचेंगे तो अभय चौटाला को I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल होने के लिए मना सकते है. अगर अभय चौटाला की आईएनएलडी पार्टी I.N.D.I.A गठबंधन का हिस्सा बनती है तो हरियाणा की राजनीति में अलग ही समीकरण देखने को मिलेंगे.
किसका पलड़ा रहेगा भारी
हरियाणा में कांग्रेस पार्टी अपने बलबूते चुनाव लड़ने की बात कह रही है लेकिन इनेलो पार्टी I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल होती है तो दोनों पार्टियां मिलकर चुनावी रण में उतरती है तो लाजमी है कि कांग्रेस और इनेलो का पलड़ा भारी होगा. फिलहाल कांग्रेस विपक्ष आपके द्वार कार्यक्रम और इनेलो परिवर्तन यात्रा के जरिए प्रदेश के लगभग सभी जिलों में मजबूती से जनता के बीच दस्तक दे रही है.
वहीं, दूसरी ओर हरियाणा की मौजूदा BJP- JJP गठबंधन सरकार आगामी लोकसभा चुनाव साथ लड़ने का दावा कर रही है लेकिन दोनों ही पार्टियां अलग- अलग अपने चुनावी अभियान में जुटी हुई है. ऐसे में ये कहना जल्दबाजी होगा कि दोनों पार्टियां एकसाथ चुनावी रण में होगी या नहीं. इस लिहाज से देखा जाए तो कांग्रेस और इनेलो यदि मिलकर चुनाव लड़ती है तो हरियाणा की राजनीति में समीकरण बदलना निश्चित है.
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