चंडीगढ़ । हरियाणा की सरकार किसान आंदोलन पर नरम नहीं हो रही है. लगभग हर दिन राज्य में वहां पंचायत हो रही हैं. सरकार ने इस में शामिल होने वाले 2 शिक्षकों और शिक्षा विभाग के प्रोग्राम ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया है. सूत्रों के हवाले से सरकार आंदोलन में हिस्सा लेने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करेगी.
इन लोगों को किया बर्खास्त
अजय बल्हारा हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग में एक प्रोग्राम अफसर है, जो राज्य के आईएएस अफसरों तक को ट्रेनिंग देते हैं. उन्हें पिछले महीने में बर्खास्तगी का नोटिस मिला. नोटिस में बर्खास्तगी की वजह तो नहीं बताई गई है लेकिन खुद उनका कहना है कि किसान आंदोलन में हिस्सा लेने की वजह से ऐसा किया गया है. राजेश दलाल रोहतक में एक जूनियर बेसिक ट्रेनिंग या जेबीटी टीचर हैं. दलाल रागिनी गायक हैं और उन्हें इसलिए बर्खास्त कर दिया गया क्योंकि उन्होंने किसानों के लिए गाया था.
नागरिक सेवा नियम कर्मचारियों को नहीं देते आंदोलन में भाग लेने की इजाजत
किसान आंदोलन को हरियाणा के कई कर्मचारी संघों का साथ मिला है. जिसमें शिक्षक संघ भी शामिल है. उधर नागरिक सेवा नियमों में ऐसी कई शर्ते हैं जो कर्मचारियों को किसी भी आंदोलन में शरीक होने से रोकती है. नियम 13 या सरकार की आलोचना में कहा गया है कि सरकार की नीतियों के खिलाफ जबानी या लिखित बयान नहीं दिया जा सकता है.
बर्खास्तगी के आदेश अवैध
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि हरियाणा नागरिक सेवा नियम संविधान द्वारा दी गई स्वतंत्रता का उल्लंघन करते हैं. सेवानिवृत्त अफसरशाह की राय में बर्खास्तगी के आदेश अवैध हैं क्योंकि इनमें तो ना कोई वजह बताई गई है और ना ही नियुक्ति अधिकारी ने दस्तखत किए हैं. इस बीच मुख्यमंत्री ने फिर कहा है कि सरकारी कर्मचारियों को किसी ऐसे आंदोलन में हिस्सा लेने की इजाजत नहीं है.
सरकारी कर्मचारी संघ और शिक्षक संघ करेंगे विरोध प्रदर्शन
सरकार ने यह बात साफ कर दी है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी ऐसे विरोध प्रदर्शन में हिस्सा नहीं ले सकता है. तो वहीं कई सरकारी कर्मचारी संघ और शिक्षक संघ ने अपने इन निलंबित साथियों के लिए विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है.
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