हरियाणा सरकार की बड़ी चूक से 134ए के लाखो बच्चो का भविष्य ख़राब

पंचकुला । हरियाणा में नियम 134ए के तहत निजी स्कूलों में 10 फ़ीसदी गरीब बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ाने का प्रावधान है. पिछले कई वर्ष यह प्रक्रिया लगातार जारी है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस सरकार में रहते हुए 50 फीसदी गरीब बच्चों को फ्री में  पढ़ाने का प्रावधान लागू किया था. जिसे बाद में कम करके 10 फ़ीसदी कर दिया गया था. प्रत्येक वर्ष या प्रक्रिया लगातार चलती हुई आ रही थी, लेकिन पिछले वर्ष पिछले वर्ष कोरोना महामारी के चलते यह प्रक्रिया रुक गई.

HARYANA 134A NEWS

जी हां, कोरोना महामारी के चलते अब की बार 134ए की निर्धारित लिखित परीक्षा नहीं ली गई. जिससे लाखो गरीब बच्चों का अभी तक एडमिशन नहीं हो पाया है. बता दें पिछले वर्ष हरियाणा सरकार ने 134ए के तहत बच्चों के दाखिले की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण बच्चों की लिखित परीक्षा नहीं हो पाई. इससे लाखों बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हुई है. इस प्रक्रिया में भाग लेने वाले लाखों बच्चे इधर उधर भटक रहे हैं, लेकिन उनका कोई समाधान नहीं हो रहा है,

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बता दे हर वर्ष 10 फ़ीसदी बच्चों को निजी स्कूल मुफ्त पढ़ाने का खर्च हरियाणा सरकार के द्वारा वहन किया जाता है. नियम 134ए  के तहत गरीब बच्चा किसी भी निजी स्कूल में नि:शुल्क पढ़ सकता है. केवल वह बच्चा गरीब/बीपीएल/ईडब्ल्यूएस हो तथा जिसके माता पिता की वार्षिक आय 2 लाख से कम या 2 लाख हो उस बच्चे को मुफ्त पढ़ाने का प्रावधान है. यह बच्चे किसी भी जाति से हो सकते हैं. इनका चयन लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाता है.

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बता दें कि पिछले वर्ष शुरू की गई दाखिला प्रक्रिया अभी तक संपन्न नहीं हो पाई है. लाखों बच्चे इधर से उधर ला का दाखिला लेने के लिए भटक रहे है, लेकिन हरियाणा सरकार के द्वारा कोई भी नोटिस 134ए के दाखिले हेतु जारी नहीं किया गया है. सूत्रों के अनुसार अब यह प्रक्रिया नए सेशन से ही आरंभ की जाएगी. जिसमें 134ए के तहत रजिस्ट्रेशन करवाने वाले बच्चों को दोबारा से 134ए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा ताकि बच्चे अपना दाखिला ले सकें. नियम 134ए के तहत गरीब बच्चों की लिखित परीक्षा का आयोजन करवाया जाता है. जिसमें सरकारी स्कूल के बच्चों को यह परीक्षा देना जरूरी नहीं है, परंतु यदि बच्चा निजी स्कूल से है तो उसको यह परीक्षा देना अनिवार्य है.

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बच्चा अगर सरकारी स्कूल से है तो, पिछली कक्षा में उसके नूअंतम 55% कुल अंक होने चाहिए एवं पिछले 3 मूल्यांकन टेस्ट्स में न्यूतम 50% अंक होने चाहिए. बच्चा अगर प्राइवेट स्कूल से है तो, उससे विभाग द्वारा करवाए जाना वाला मूल्यांकन टेस्ट देना होगा एवं उस में नूअंतम 55% अंक लाने होंगे.

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