अंबाला में क्राइम को रोकने के लिए सरकार ने बनाया मास्टर प्लान, सीएम खट्टर ने कही ये बातें

अंबाला | हरियाणा के जिला अंबाला में बढ़ते क्राइम को रोकने के लिए सरकार ने मास्टर प्लान तैयार किया है. इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर ने दिशा निर्देश भी जारी कर दिए हैं. मनोहर लाल ने कई बड़ी घोषणाएं की हैं. दरअसल, बढ़ते क्राइम की वजह से सरकार काफी चिंतित है. इसी वजह से मनोहर लाल ने अंबाला शहर को चकाचक करने के लिए घोषणा की है.

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सीएम ने की ये घोषणाएं

सीएम ने पिछले रविवार को आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में कहा था कि अंबाला शहर में जल्द ही इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा. इसका भुगतान सरकार करेगी. उन्होंने कहा कि गुरुग्राम और करनाल की तर्ज पर यहां भी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया जाए, ताकि ट्रैफिक और अपराधियों पर और अधिक पैनी नजर रखी जा सके.

मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्त को शहर का सर्वे कराने का निर्देश दिया. जहां भी सीसीटीवी नहीं है, वहां सीसीटीवी लगाने की व्यवस्था की जाये. शहर के बाजार में दुकानदार, अनाज मंडी में आढ़ती और नगर निगम बाजार में कैमरे लगवाएं. इन कैमरों को पुलिस इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से नियंत्रित करें.

जनसंवाद में 5 लोगों की बनी पेंशन

जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री ने 5 लोगों को तत्काल पेंशन बनवाई. इनमें अश्विनी कुमार, विजय कुमार, रवीन्द्र कुमार, निजामुद्दीन और रोशनी देवी शामिल हैं. इसके अलावा वार्ड-12 और 15 में सामुदायिक केंद्रों की मांग पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को व्यवहार्यता की जांच करने का निर्देश दिया.

व्यावसायिक निर्माण को लेकर कही ये बातें

रविवार देर शाम जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने जब नगर निगम एसई विवेक गिल से शहर के रिहायशी इलाकों में हो रहे व्यावसायिक निर्माण के बारे में पूछा तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. इस पर मुख्यमंत्री ने एसई विवेक गिल के तबादले के आदेश दिए. कालोनियों को मंजूरी देने के विषय पर मनोहर लाल ने कहा कि उन्होंने हाल ही में प्रदेश में 450 कॉलोनियों को मंजूरी दी है. अब तक 1800 कॉलोनियां अस्वीकृत हैं. जल्द ही प्रदेश की 400 और कॉलोनियों को भी मंजूरी दी जाएगी.

आवासीय क्षेत्र होंगे व्यवसायिक

कुछ लोगों ने रिहायशी इलाकों में व्यावसायिक इमारतें और शोरूम बना लिए है. ऐसे में जिन लोगों ने पहले से ही निर्माण कर लिया है, उनके लिए सरकार जल्द से जल्द एक नीति लाएगी. इसके तहत उन आवासीय क्षेत्रों में जो क्षेत्र व्यवसायिक हो गया है उसे व्यवसायिक बनाया जायेगा. मुख्यमंत्री ने नगर निगम के अधिकारियों को उन आवासीय क्षेत्रों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया जहां अभी भी उनका व्यवसायीकरण किया जा रहा है. यदि इसके बाद भी कोई नहीं मानता है तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

जनसंख्या के हिसाब से तय होगा शहरों को अनुदान

जनसंवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में मनमर्जी से विकास कार्यों के लिए अनुदान दिया जाता था, लेकिन अब हमने तय किया है कि आबादी के हिसाब से अनुदान दिया जायेगा. 31 दिसंबर को किसी भी शहर की जनसंख्या के हिसाब से अगले साल उस शहर को प्रति व्यक्ति 2500 रुपये का अनुदान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह भी फैमिली आईडी के कारण ही संभव हुआ है. किस शहर में कितनी आबादी है, फैमिली आईडी में सबका रिकॉर्ड होता है. इसी वजह से आज लोगों की घर बैठे पेंशन बन रही है और कई अन्य काम भी हो रहे हैं.

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