हरियाणा में 75 साल से अधिक 4000 पेड़ों को मिलेगी पहचान, सरकार इन पेड़ों के मालिकों को देगी पेंशन

चंडीगढ़ | हरियाणा में 75 साल से अधिक पुराने 4,000 पेड़ों की पहचान ‘विरासत’ का दर्जा पाने के लिए की गई है. वन विभाग के शुरुआती सर्वे के मुताबिक, इनमें से 701 पेड़ दक्षिण हरियाणा के छह जिलों में हैं. हेरिटेज ट्री नियम 2021 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति या संगठन किसी विरासत पेड़ को काटता है तो उन पर 500 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. साथ ही, एक महीने तक की जेल की सजा या दोनों का भी सामना करना पड़ सकता है.

Hansi Tree Ped

ये पेड़ किए गए शामिल

बता दें कि जिन पेड़ों को टैग किया जाएगा उनमें कदम्ब, इन्द्रोख, पीपल, नीम, जड और इमली शामिल हैं. इनमें से अधिकांश गाँवों, मंदिरों, अरावली की तलहटी, प्राथमिक विद्यालयों, चौपालों और तालाबों के पास हैं. यह योजना विरासत वृक्ष के जीवन काल तक निजी और सरकारी दोनों भूमि पर मौजूद लोगों पर लागू होगी. बता दे हरियाणा सरकार इन पेड़ों के मालिकों के लिए पेंशन के रूप में प्रति वर्ष 1 करोड़ रुपये खर्च करेगी.

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इस वजह से लिया फैसला

इस पहल के पीछे का उद्देश्य एक ऐसा वातावरण बनाना है जो लोगों को पेड़ों की रक्षा के लिए प्रेरित करें. पुराने पेड़ों को संरक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि पौधे लगाने का मतलब यह नहीं है कि वे पेड़ बन जाएंगे. जीवित रहने की दर कम है और एक पुराने पेड़ को काटकर हम उसके साथ- साथ पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को भी नष्ट कर देते हैं. लोगों को दी जाने वाली पेंशन लोगों को पुराने पेड़ों के संरक्षण के लिए प्रेरित करेगी.

मजबूत कानून की जरूरत

हरियाणा के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक विनोद कुमार ने कहा कि राज्य में पेड़ काटने पर जुर्माना है. यहां तक कि वन अधिकारी भी अक्सर स्वीकार करते हैं कि उनके पास उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने और उन्हें दंडित करने की पर्याप्त शक्ति नहीं है. इसलिए हमें एक मजबूत कानून की जरूरत है. हेरिटेज टैग पुराने पेड़ों को संरक्षित करने में मदद करेगा.

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घर निर्माण के लिए पेड़ काटने की नहीं दी जाएगी अनुमति

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने पिछले आदेश की पुष्टि करते हुए कहा कि घरों के निर्माण के लिए पेड़ काटने की अनुमति नहीं दी जाएगी. अदालत ने दिल्ली सरकार को राजधानी में प्रत्यारोपित और दोबारा लगाए गए पेड़ों की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है. अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई थी जो पेड़ काटने के संबंध में अदालत के पिछले आदेशों का पालन नहीं कर रहे थे. इस बारे में अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी.

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इन पेड़ों की होगी छंटाई

दिल्ली में लोक निर्माण विभाग उन पेड़ों को काटने के लिए एक अभियान शुरू कर रहा है जो सड़कों पर यातायात और पैदल यात्रियों की आवाजाही में बाधा बन रहे हैं. सड़क रखरखाव विभागों के प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि वे कटाई- छंटाई के लिए वन विभाग से अनुमति के लिए आवेदन करें. पीडब्ल्यूडी का लक्ष्य महीने के अंत तक काम पूरा करने का है और उसके बाद निरीक्षण किया जाएगा. पेड़ों की छंटाई के अलावा, लोक निर्माण विभाग गड्ढों की मरम्मत भी करेगा और मैनहोल तथा नाली के ढक्कनों को समतल करेगा.

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