जींद | हरियाणा की मनोहर सरकार की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं क्योंकि E टेंडरिंग प्रणाली को लेकर सूबे के सरपंचों ने कृषि मंत्री जेपी दलाल के कार्यक्रम के विरोध का ऐलान कर दिया है. बता दें कि जींद जिले के जुलाना क्षेत्र में कृषि मंत्री जेपी दलाल का 23 सितंबर को कार्यक्रम आयोजित किया गया है और जुलाना में सरपंच एसोसिएशन के प्रधान रणबीर समैण की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस कार्यक्रम के विरोध का प्रस्ताव पारित किया गया.
सरकार से नाराज़ हैं सरपंच
बता दें कि ई टेंडरिंग प्रणाली को लेकर प्रदेशभर के सरपंच मनोहर सरकार के खिलाफ जनवरी महीने से ही विरोध कर रहे हैं. उन्होंने गांव के विकास कार्यों को लेकर शुरू की गई ई- टेंडरिंग प्रणाली को वापस लेने, पूर्ण पंचायती राज अधिनियम को लागू करने की मांग की है. वहीं, अब सरपंचों ने एक मांग में विकास कार्यों के लिए ग्राम अनुदान की शक्तियां सांसदों, विधायकों और मंत्रियों को सौंपने के फैसले को रद्द करने की एक और मांग जोड़ दी है.
क्या है ई टेंडरिंग प्रणाली
हरियाणा में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा ई टेंडरिंग प्रकिया बनाई गईं हैं. जिसके तहत, 2 लाख रुपए से अधिक के कार्यो के लिए ई- टेंडरिंग जारी की जाएगी. फिर किसी अधिकारी और ठेकेदार के माध्यम से गांव के विकास कार्य करवाएं जाएंगे. वहीं, सरपंच विकास कार्यों की जानकारी शासन को देंगे. जिसके बाद, सरकार ठेकेदारों से ई-टेंडरिंग के जरिए विकास कार्य करवाएगी. सरकार का तर्क है कि इस व्यवस्था से भ्रष्टाचार को खत्म करने में मदद मिलेगी.
इस प्रणाली को गलत ठहराते हुए सरपंचों का कहना है कि इससे गांवों में विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न होगी. इसके तहत, सरपंच मात्र 2 लाख रुपए तक के काम करवा सकते हैं जोकि नाकाफी है. इस प्रणाली से गांवों में विकास कार्य ठप्प हो जाएंगे. विकास कार्यों में गुणवत्ता पर सवाल खड़े होंगे क्योंकि ठेकेदार गलत काम कर निकल जाएंगे और जिम्मेदारी का ठीकरा सरपंच के सिर फोड़ा जाएगा.
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