नूंह: विलुप्त हो रहे गौरेया पक्षी को बचा रहे हरियाणा के युवा, अपनाया ये ख़ास तरीका

नूंह | मौजूदा समय में गौरेया पक्षी विलुप्त होने के कगार पर है. जिस वजह से यह पक्षी अब बहुत ही कम देखने को मिलते हैं. इसका मुख्य कारण बढ़ते प्रदूषण स्तर, तापमान और पेड़ों की हो रही अंधाधुंध कटाई को बताया जा रहा है. इन गौरैया को बचाने के लिए हरियाणा के नूंह जिले के पिनगवां में युवाओं ने एक अनोखी मुहिम शुरू की है.

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युवाओं ने अपनाया ये तरीका

पिनगवां कस्बे के युवाओं ने गौरैया को बचाने के लिए टिन के कनस्तरों का इस्तेमाल किया है. टिन बैरल को 2- 3 तरफ से काटा जाता है. फिर इसे किसी छायादार जगह पर रोप दिया जाता है. टीन के पीपे को काटकर पक्षियों का घर बनाया गया है. इससे ना सिर्फ पिनगवां के युवाओं की पहल से न केवल गौरैया के लुप्त होते अस्तित्व को बचाया जा रहा है, बल्कि उनके भोजन, पानी और घर की व्यवस्था भी की जा रही है.

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ऐसे बनाया घोंसला

पक्षियों के लिए विशेषकर उन पीपों में पक्षियों के लिए पीने का पानी, भोजन के लिए गेहूं, दाल- चावल के दाने और मिठाई के लिए लड्डू या बूंदी रखे जाते हैं. पिनगवां कस्बे की हर गली और मोहल्ले में आपको टिन के पीपे मिल जाएंगे. जिसमें गौरैया पक्षी के अलावा अन्य पक्षी भी देखने को मिलेंगे. स्थानीय लोगों ने बताया कि जब सूरज निकलता है तो गौरैया पक्षी की चहचहाहट अलग होती है.

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उन्हें यहां न केवल भोजन और पानी मिल रहा है, बल्कि भरपूर छाया भी मिल रही है. पिनगवां कस्बे के युवाओं ने एक नहीं बल्कि दर्जनों स्थानों पर टीन के पीपे लगाए हैं, जो समाज को एक अच्छा संदेश दे रहे हैं. इन नये स्थानों के बाद क्षेत्र में गौरैया पक्षियों की संख्या में वृद्धि हो रही है.

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