फरीदाबाद | दिल्ली- एनसीआर की अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी खबर है. दिल्ली- फरीदाबाद सीमा के पास यमुना की तलहटी में स्थित बसंतपुर, अटल चौक, नूर चौक, शिव एन्क्लेव पार्ट- 2, 3, अजय नगर आदि कॉलोनियों में बने मकान तोड़े जाएंगे. इसके लिए फरीदाबाद नगर निगम ने यहां करीब 5 हजार मकानों को नोटिस दिया है. लोगों को घर खाली करने के लिए पांच दिन का समय दिया गया है.
अधिकारियों के मुताबिक, बुधवार से तोड़फोड़ शुरू कर दी जाएगी. इसके लिए गुरुवार से क्षेत्र में मुनादी भी करायी जा रही है. इन कॉलोनियों में सार्वजनिक स्थानों पर नोटिस भी चस्पा कर दिए गए हैं. वहीं, अब प्रशासन का विरोध भी आरंभ हो चुका है क्योंकि एक या दो घर नहीं हजारों की संख्या में मकान बने हुए है. अगर यह घर एक साथ टूटते हैं तो लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन जाएगी.
2 किलोमीटर के दायरे में बसी पांच कॉलोनियां
दिल्ली के जैतपुर से सटे फरीदाबाद के बसंतपुर से होकर गुजरने वाली यमुना के किनारे दो किलोमीटर के दायरे में पांच से ज्यादा कॉलोनियां बसी हुई हैं. जुलाई में आई बाढ़ के बाद यमुना में जलस्तर बढ़ने से यह इलाका सुर्खियों में आया था. सरकारी अधिकारियों की नाक के नीचे इन कालोनियों के बसने से लोग जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम आदि पर मिलीभगत का आरोप लगाने लगे. बाढ़ के करीब दो महीने बाद नगर निगम ने इलाके में रहने वाले लोगों को सार्वजनिक नोटिस जारी कर घर खाली करने का आदेश दिया है.
भू-माफियाओं ने कमाया खूब मुनाफा
यमुना की तलहटी में बसी कॉलोनियों में रहने वाले ज्यादातर लोग दूसरे राज्यों से आए मध्यमवर्गीय लोग हैं. ज्यादातर लोग प्राइवेट कंपनियों में काम करते हैं या छोटी- मोटी नौकरियां करते हैं. जानकारों की मानें तो भू- माफियाओं ने उन्हें घर के सब्जबाग और सस्ती जमीन का लालच देकर डूबे क्षेत्र की सैकड़ों जमीन 10 से 15 हजार रुपये प्रति गज की दर से बेच दी. भू- माफियाओं ने दो किलोमीटर से अधिक के दायरे में कई कॉलोनियां बसा दीं.
लोगों ने नहीं ली अनुमति
यमुना की तलहटी में पांच हजार से अधिक मकान बनाए गए हैं. इनमें से कई घर दो से तीन मंजिला हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने घर बनाने में अपनी पूरी जमा पूंजी लगा दी. अब सरकार इन्हें तोड़ने की तैयारी कर रही है. वहीं, नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि डूब क्षेत्र में निर्माण के लिए लोगों ने अनुमति नहीं ली है. बिना अनुमति के मकान बनाए गए हैं. ऐसे में निगम के तोड़फोड़ दस्ते ने नोटिस जारी कर तोड़फोड़ की योजना बनाई है.
सूरजकुंड क्षेत्र में पिछले वर्ष हुई थी तोड़ फोड़
गौरतलब है कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नगर निगम ने सूरजकुंड क्षेत्र में अरावली स्थित खोरी में तोड़फोड़ की थी. कई दिनों तक कार्रवाई चलती रही. इस दौरान तोड़फोड़ का भी विरोध हुआ. लोगों का कहना है कि भू- माफियाओं ने बसंतपुर इलाके को दूसरा खोरी गांव बना दिया है. यहां भी भू- माफियाओं ने सरकारी जमीन बेचकर लोगों को बसा दिया. स्थानीय लोगों का कहना है कि अब उन्हें अपने घर खोने का डर सता रहा है, जब जमीन बेची जा रही थी और निर्माण कार्य चल रहा था, तो किसी भी सरकारी अधिकारी ने आकर इसे नहीं रोका. लोगों का कहना है कि नगर निगम के पास पुनर्वास की कोई योजना नहीं है.
इस क्षेत्रों में कई कॉलोनियां बसाई
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!यह सभी मकान यमुना डूब क्षेत्र में बने हैं.भवन निर्माण के लिए नगर निगम से अनुमति नहीं ली है. ऐसे में सार्वजनिक सूचना दी गई है. पांच में घर खाली करने के लिए कहा गया है. बुधवार से इलाके में तोड़फोड़ होगी- सुरेंद्र हुडा, एसडीओ, तोड़फोड़ विभाग, नगर निगम