पलवल | आजकल साइबर क्राइम ने पूरी दुनिया मे आतंक मचा रखा है. जिसमें लोगों से उनकी गलत तरीके से बैंक डिटेल या अन्य एकाउंट सम्बन्धी सूचनाएं पूछकर उनसे पैसे ऐंठे जाते हैं. भारत में 80 फीसदी साइबर क्राइम के मामले जामताड़ा से जुड़े हुए माने जाते हैं.
कहाँ है जामताड़ा?
झारखंड के दुमका जिले से अलग करके एक नया जिला बनाया गया जामताड़ा. जिसको अलग करने की मुख्य वजह साइबर क्राइम ही थी. इस जिले ने साइबर क्राइम के क्षेत्र में इतना अधिक आंतक मचाया कि अब इसे भारत का साइबर क्राइम हब कहा जाता है.
अब हरियाणा के पलवल जिले का घाघौट गांव भी जामताड़ा बनने की राह पर अग्रसर हो चुका है. यह गांव एटीएम के अंदर मदद के बहाने घुसकर लोगों के डेबिट कार्ड बदलकर एकाउंट खाली करने के सन्दर्भ में बदनाम हो रहा है. इस गांव के 7-8 गिरोह इस अपराध में संलिप्त हैं. जिन में 50 से अधिक लोग भारत के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार हो चुके हैं. अभी राजस्थान पुलिस ने घाघोट गांव के ही जॉनी बावरिया नाम के एक युवक को गिरफ्त में लिया है जो लंबे समय से अपने गिरोह के साथ एटीएम ठगी में सक्रिय भूमिका निभा रहा था. वहीं फरीदाबाद पुलिस भी पिछले तीन सालों में इस गांव के 10 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार कर चुकी है. पुलिस पर इस गिरोह द्वारा हमले भी होते रहते हैं.
जीपीएस सिस्टम से लेस होकर करते हैं ठगी
साइबर क्राइम की टीम के इंस्पेक्टर सतेंद्र कुमार ने बताया कि ये युवक लग्जरी कारों में जीपीएस से रूट बनाकर सेट कर देते हैं तथा अलग अलग टीम बनाकर अपराध करते हैं. इसके बाद सभी टीमें अलग-अलग दिशाओं में निकलती हैं तथा ये एक शहर में केवल 2 ही वारदात करते हैं. साथ ही, ये आते-जाते समय अलग अलग रूटों पर वारदात को अंजाम देते हैं. डीसीपी (क्राइम) मकसूद अहमद ने मीडिया को बताया कि घाघौट गांव के बदमाशों को पुलिस की टीमें लगातार गिरफ्तार करती रहती है. जिससे फिलहाल जिले में एटीएम में डेबिट कार्ड बदलकर होने वाली वारदातों पर कुछ हद तक अंकुश लगा है. वहीं दूसरी तरफ क्राइम ब्रांच की टीम पिछली वारदातों को भी सुलझाने में लगी हुई है, जिससे जल्द ही अपरधियों को गिरफ़्त में ले लिया जाएगा.
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