हरियाणा: किसानों ने ये काम नहीं किया तो रूकेगी सम्मान निधि की 15वीं किश्त, सरकार ने किया पैसा देने से इंकार

चंडीगढ़ | हरियाणा में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम- किसान) योजना का लाभ लेने वाले किसानों के लिए एक बड़ी खबर है. अगर किसानों ने ई- केवाईसी नहीं कराई तो वह मुसीबत में पड़ सकते हैं. दरअसल, 20 फीसदी किसान ई- केवाईसी नहीं करा रहे हैं. राज्य में योजना के तहत, 18 लाख 86 हजार 370 किसान पंजीकृत हैं, जिनमें से केवल 15 लाख 749 ने ही ई- केवाईसी करायी है. लगातार जागरूकता अभियान के बावजूद तीन लाख 85 हजार 621 किसान ई- केवाईसी नहीं करा रहे हैं.

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इस दिन आएगी 15वीं किश्त

कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार की ओर से अब तक 14 किश्तें जारी की जा चुकी हैं और 15वीं किस्त अक्टूबर या नवंबर महीने में आने की उम्मीद है. ई- केवाईसी कराने की आखिरी तारीख 15 सितंबर थी लेकिन, बड़ी संख्या में किसानों ने ई- केवाईसी नहीं कराया है. वह मुश्किल में पड़ सकते हैं.

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सरकार ने जारी किए स्पष्ट निर्देश

ऐसे भी मामले सामने आये हैं कि किसानों के नाम पर पीएम किसान योजना के तहत 6,000 रुपये लिए जा रहे थे, भले ही वे अलग- अलग नौकरियों में हों या आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे हों. ऐसे लोग ई- केवाईसी से भी बच रहे हैं. फिलहाल अब सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि जब तक ये किसान ई- केवाईसी नहीं करा लेते, तब तक 15वीं किस्त जारी नहीं की जाएगी.

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2019 में शुरू की गई थी योजना

छोटे और सीमांत किसानों को हर साल छह हजार रुपये की न्यूनतम सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सम्मान योजना वर्ष 2019 में शुरू की गई थी. इसके तहत, किसानों के खाते में हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन बराबर किस्तें जमा की जाती हैं. योजना के तहत वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए पंजीकृत किसानों के लिए केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल ई- केवाईसी अनिवार्य कर दिया गया था.

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ऐसी है जिलों की स्थिति

  • नूंह में 30 फीसदी किसान
  • रोहतक, फतेहाबाद और सिरसा में 25 प्रतिशत
  • गुरूग्राम, करनाल, कैथल और पलवल में 24 प्रतिशत
  • झज्जर और सोनीपत जिलों में 23 प्रतिशत
  • पंचकुला में 22 फीसदी
  • फ़रीदाबाद में 20 प्रतिशत
  • बाकी जिलों में 20 प्रतिशत से कम
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