हरियाणा की उड़नपरी दादी ने विदेशी धरती पर छुड़ाए सबके छक्के, 106 वर्षीय रामबाई ने जीते 4 गोल्ड मेडल

चरखी दादरी | हरियाणा में ‘उड़नपरी दादी’ के नाम से अपनी एक अलग पहचान बना चुकी 106 वर्षीय रामबाई उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच चुकी है, जहां हर कोई हार मान लेता है लेकिन इस उम्र में भी उनकी रफ्तार देखकर आज की युवा पीढ़ी भी हैरत में पड़ रही है. अपनी उम्र का शतक लगा चुकी रामबाई पर ढलती उम्र में भी खेलने का जूनून इस कदर हावी है कि वह लगातार पदक जीतकर हिंदुस्तान का गौरव बढ़ाना चाहती है.

Rambai Athlete

बता दें कि दादी रामबाई ने हाल ही में विदेशी सरजमीं पर चार पदक जीतकर एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है. हालांकि, उनके मन में सरकार की ओर से आर्थिक सहायता नहीं मिलने की टीस जरूर है लेकिन फिर भी देश के लिए मेडल जीतने का जोश बरकरार है.

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नेशनल प्रतियोगिता में बटोरी थी सुर्खियां

चरखी दादरी जिले के गांव कादमा की रहने वाली रामबाई ने एकाएक उस समय सुर्खियां बटोरी थी जब उन्होंने पिछले साल बेंगलुरु में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता के दौरान 100 मीटर की फर्राटा रेस 45.40 सेकंड में पूरी कर नया रिकॉर्ड स्थापित किया. पहले यह रिकॉर्ड मान कौर के नाम था, जिन्होंने 74 सेकंड में रेस पूरी की थी.

नेशनल रिकॉर्ड स्थापित करने के बाद रामबाई का हौसला और बढ़ गया और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. विदेशी सरजमीं पर हिंदुस्तान के लिए मेडल जीतने का सपना लेकर रामबाई मलेशिया पहुंची, जहां उन्होंने 16- 17 सितंबर तक आयोजित हुई वर्ल्ड मास्टर चैंपियनशिप में एक या दो नहीं बल्कि 4 पदक जीतकर तिरंगे का गौरव बढ़ाया है.

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4 गोल्ड मेडल पर कब्जा

106 वर्षीय बुजुर्ग दादी रामबाई ने रनिंग इवेंट में हिस्सा लेते हुए 100 मीटर, 200 मीटर, गोला फेंक और डिस्कस थ्रो में गोल्ड मेडल अपने नाम किया. उन्होंने 200 मीटर की दौड़ में वर्ल्ड रिकार्ड बनाकर नए आयाम स्थापित किए हैं. गांव में पहुंचने पर ग्रामीणों ने रामबाई को सम्मानित करते हुए जोरदार स्वागत किया.

कच्चे रास्तों पर किया अभ्यास

रामबाई की दोहती शर्मिला सांगवान ने बताया कि उन्होंने नानी के जोश और उत्साह को देखते हुए गांव के खेतों में कच्चे रास्तों पर प्रेक्टिस करवाई. देशी खानपान और कच्चे रास्तों पर किए गए अभ्यास का नतीजा है कि आज दादी ने विदेशी धरती पर चार मेडल जीतकर हरियाणा सहित हिंदुस्तान का नाम रोशन किया है. उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश सरकार भी रामबाई की आर्थिक मदद करें तो मेडलों की संख्या में और इजाफा हो सकता है.

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