हरियाणा की सरकारी नौकरियों में अब दूसरे प्रदेशों के लोगों को भी मिलेगा सामाजिक-आर्थिक अंकों का लाभ, पढ़ें हाईकोर्ट का अहम फैसला

चंडीगढ़ | हरियाणा में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए एक बेहद ही निराशाजनक खबर सामने आई है. प्रदेश सरकार ने अब हरियाणा से बाहर के लोगों को भी सरकारी नौकरियों में सामाजिक- आर्थिक मानदंड के अंकों का लाभ देने का फैसला लिया है. अभी तक इन अतिरिक्त अंकों का लाभ केवल हरियाणा के युवाओं को ही मिलता था.

HIGH COURT

इस संबंध में एक हलफनामा हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (HVPNL), पंचकूला की अवर सचिव नवीन कुमारी ने इस मुद्दे पर लंबित एक याचिका के जवाब में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष दिया है.

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गैर- हरियाणा अभ्यर्थियों के लिए भी बढ़ा वेटेज

हलफनामे में हाईकोर्ट को बताया गया कि मुख्य सचिव हरियाणा ने अधिकारियों के साथ उचित विचार- विमर्श के बाद इसे मंजूरी दे दी थी व संशोधित अधिसूचना जारी कर सामाजिक- आर्थिक मानदंडों और अनुभव का वेटेज गैर- हरियाणा अधिवासी अभ्यर्थियों के लिए भी बढ़ा दिया गया.

हाईकोर्ट को यह भी जानकारी दी गई कि 12 सितंबर को HVPNL में सहायक अभियंता के पद पर आवेदन करने के लिए पात्र अभ्यर्थियों, जो गैर- हरियाणा अधिवासी उम्मीदवार थे और सामाजिक- आर्थिक मानदंडों के तहत अंकों के लिए पात्र हैं, उन्हें बुलाने के लिए एक शुद्धि पत्र भी जारी किया गया है.

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यहाँ समझे पूरा मामला

सरकार की तरफ से यह हलफनामा अर्पित गहलोत द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में दायर किया गया है. याचिका के अनुसार, हरियाणा बिजली विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर के 143 पद के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. विज्ञापन के अनुसार, सामाजिक- आर्थिक आधार पर 10 अंक व अनुभव के 10 अंक देने का प्रविधान था. याची ने कहा कि यह दोनों प्रविधान केवल हरियाणा के मूल निवासियों के लिए रखे गए हैं.

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आगे कहा कि इस प्रकार से तो संविधान के प्रविधान का उल्लंघन कर दूसरे राज्यों के आवेदकों को वंचित किया जा रहा है. संविधान के अनुसार, देश में केवल एक ही नागरिकता है और वह भारत देश की है. इस प्रकार सार्वजनिक नियुक्तियों में राज्य के लोगों के लिए आरक्षण का प्रविधान करना देश के संविधान के खिलाफ है. याची पक्ष की दलीलों से प्राथमिक तौर पर सहमति जताते हुए हाईकोर्ट ने भर्ती में इन 20 अंकों के लाभ को निलंबित कर सरकार से जवाब- तलब किया था.

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